मिलते हैं 20 करोड़
राज्य सरकार का खजाना खाली है। नगर निगम के गलियारों में अब ये चर्चा आम हो गई है कि कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ सकते हैं। पेंशनर्स की पेंशन भी अटक सकती है। राज्य शासन से निगम को हर महीने चुंगी क्षतिपूर्ति व अन्य मदों से करीब 20 करोड़ रुपए की राशि मिलती है। जिसके जरिए स्थापना व्ययों का भुगतान होता है। अब सबकी नजर इस बात पर टिकी हैं कि प्रदेश में वित्त मंत्रालय का प्रभार किसे मिलेगा। इस मामले में निगम के अधिकारी खुलकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
जारी रहेंगे स्मार्ट सिटी के विकास कार्य
अधिकारियों का तर्क है कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में जारी विकास कार्यों पर फिलहाल फं ड की कमी का कोई असर नहीं पडऩे वाला है। शहरी सीमा में जारी अधिकांश विकास कार्य स्मार्ट सिटी योजना के हैं। जिनमें स्मार्ट सडक़ों का निर्माण, इंटीग्रेटेड ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम, नॉन मोटराइज्ड ट्रेक, साइकल ट्रेक समेत कई और प्रोजेक्ट शामिल हैं।
ये भी है चर्चा
राज्य सरकार का खजाना पूरी तरह खाली है, ऐसे में अगर रिजर्व बैंक से बड़ी राशि मांगी जाएगी तो तत्काल मदद संभव नहीं होगी। इस स्थिति में दूसरा विकल्प एलआईसी जैसे वित्तीय संस्थानों से राशि उधार लेने का है, लेकिन इसके लिए भी रिजर्व बैंक की अनुमति अनिवार्य होगी।
जबलपुर नगर निगम की स्थिति
– 200 करोड़ की निगम को पिछले वित्तीय वर्ष में हुई थी आय
– 78 करोड़ सम्पत्ति कर से आय
– 28 करोड़ जलकर से हुई थी आय
– 300 करोड़ कर वसूली का मौजूदा वित्तीय वर्ष में लक्ष्य
-14 करोड़ रुपए मासिक क्षतिपूर्ति राशि मिलती है निगम को
निगम के प्रमुख खर्चे
– 9.5 करोड़ वेतन भुगतान
– 3 करोड़ रुपए पेंशन भुगतान
– 5 करोड़ स्ट्रीट लाइट बिल का भुगतान
वित्त विभाग से किया संपर्क
चुंगी क्षति पूर्ति अन्य मदों से प्रतिमाह नगर निगम को 20 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त होती है, जो इस माह अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। इस संबंध में वित्त विभाग से दूरभाव पर संपर्क किया है।
अपर आयुक्त वित्त, रोहित सिंह कौशल