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बिजली नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए लाइन का होगा विस्तार
प्रदेश में बनेंगे अति उच्चदाब के 31 नए सब-स्टेशन
2018 में बनाए जा चुके हैं 28
31 का लक्ष्य, 28 किए शुरू
उन्होंने बताया कि दिसम्बर 2018 तक कंपनी की अति उच्च दाब सब स्टेशनों की ट्रांसमिशन क्षमता 59174 एमवीए रही। इनकी कुल लम्बाई 33664.02 सर्किट किमी एवं कुल संख्या 360 की गई। इस तरह वर्ष 2018 में ट्रांसफार्मेशन क्षमता में 1985 एमवीए अति उच्च दाब लाइन की लम्बाई में 1054.61 किमी की वृद्धि की गई। वर्ष 2018 में 31 अति उच्च दाब सब स्टेशनों को शुरू करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से अब तक 28 सबस्टेशन ऊर्जित किए जा चुके हैं। जनवरी 2019 को प्रदेश में सर्वाधिक मांग 14089 मेगावाट तक पहुंची थी। इसी प्रकार प्रदेश में एक दिन में अधिकतम ऊर्जा 265.869 मिलियन यूनिट की आपूर्ति भी 21 नवम्बर 2018 के बिना किसी व्यवधान के की गई जो कि प्रदेश में अब तक की सर्वाधिक ऊर्जा आपूर्ति है।
ट्रांसमिशन लॉस कम- उन्होंने बताया कि कंपनी के गठन के समय ट्रांसमिशन 7.93 प्रतिशत थी, जो घटाकर वर्ष 2017-18 में 2.75 प्रतिशत के स्तर पर कायम रखते हुए ऊर्जा की बढ़ती मांग एवं खपत की आपूर्ति कर अपनी सक्षमता सिद्ध की है। कंपनी ने मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा पारेषण प्रणाली की उपलब्धता के लिए निर्धारित मापदंड 98 प्रतिशत की तुलना में कंपनी ने नवम्बर 2018 तक 99.45 प्रतिशत की उपलब्धता प्राप्त की है। इस वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा 99.70 प्रतिशत का पार करने की उम्मीद है। प्रदेश में ग्रीन कारीडोर परियोजना के अंतर्गत विभिन्न नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा स्रोत जिनकी उत्पादन क्षमता 4100 मेगावाट एवं अनुमानित लागत 2160 करोड़ है। नए सबस्टेशनों एवं लाइन के निर्माण के साथ साथ कंपनी ने पूर्व में स्थापित अति उच्च दाब सबस्टेशनों के उन्नयन का कार्य भी किया है।