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नर्मदा मिशन की याचिका पर हाईकोर्ट ने कहा- अवैध निर्माण पर राजनीतकि हस्तक्षेप का प्रभाव न हो

locationजबलपुरPublished: Mar 06, 2020 12:19:40 pm

Submitted by:

Lalit kostha

नर्मदा मिशन की याचिका पर हाईकोर्ट ने कहा- अवैध निर्माण पर राजनीतकि हस्तक्षेप का प्रभाव न हो
 

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Gwarighat

जबलपुर। नर्मदा मिशन द्वारा नर्मदा नदी के प्रतिबंधित क्षेत्र में होने वाले निर्माणों को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। जिसमें मिशन की ओर से बताया गया है हाईफ्लड लेबल पर भी दर्जनों अवैध निर्माण हो रहे हैं। जबकि सख्त आदेश हैं कि 300 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का पक्का निर्माण नहीं होना चाहिए। इस पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मित्तल व जस्टिस शुक्ला फरवरी माह में मौके पर निरीक्षण करने भी गए थे। कोर्ट ने अब सरकार से फाइनल रिपोर्ट मांगते हुए स्पष्ट कर दिया है कि इसमें किसी भी प्रकार का राजनीतिक हस्पक्षेप नहीं होना चाहिए।

हाईकोर्ट ने सरकार से 24 मार्च तक मांगी स्टेटस रिपोर्ट
नर्मदा तट के प्रतिबंधित दायरे में अवैध निर्माणों का मामला

मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पहुंचे नर्मदा किनारे विवादित जमीन देखने, दयोदय और नर्मदा मिशन के लोग रहे मौजूद: video

 

The Narmada river Gwarighat
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नर्मदा किनारे तीन सौ मीटर के प्रतिबंधित दायरे में अवैध निर्माण होने का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए मोहलत दे दी। चीफ जस्टिस एके मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार से कहा कि अगली सुनवाई पर सभी सम्बंधित दस्तावेज कोर्ट के अवलोकन के लिए तैयार रखे जाएं। कोर्ट ने अगली सुनवाई 24 मार्च नियत कर दी। नर्मदा मिशन जबलपुर की ओर से जनहित याचिका दायर कर तिलवाराघाट में अवैध निर्माण होने का दावा कर इन्हें हटाने का आग्रह किया गया। इन निर्माणों को नर्मदा के इको जोन के लिए घातक बताया गया । विगत सुनवाइयों में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि प्रदेश स्तर पर नर्मदा किनारे हाईफ्लड लेवल के तीन सौ मीटर दायरे में हुए सभी निर्माण चिन्हित किए जाएं।

 

Jabalpur : Gwarighat
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कोर्ट ने कहा था कि इन अवैध निर्माणों को हटाने में किसी भी तरह का राजनीतकि हस्तक्षेप का प्रभाव नहीं होना चाहिए। चीफ जस्टिस मित्तल व जस्टिस शुक्ला ने 15 फरवरी को तिलवारा घाट जाकर मौके का जायजा लिया था। गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से पूर्व निर्देशित स्टेटस रिपोर्ट पेश करने की मोहलत मांगी, जो दे दी गई। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विजय शंकर पांडे, सौरभ तिवारी सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता हिमांशु मिश्रा, नगर निगम की ओर से अधिवक्ता अंशुमन सिंह उपस्थित थे।

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