देश की पहली कैशलेस कोट
मप्र हाईकोर्ट में गुरुवार से कैशलेस कोर्ट फीस भुगतान की सुविधा आरंभ हो गई। मप्र हाईकोर्ट यह सुविधा आरंभ करने वाला देश का सबसे पहला हाईकोर्ट है। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिवस सुबह 9.30 बजे हाईकोर्ट की मुख्यपीठ के फाइलिंग सेक्शन में लगाई गई पीओएस मशीन के जरिए सेवा का शुभारंभ किया। प्रशासनिक न्यायाधीश एसके सेठ व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य महाप्रबंधक राजेश कुमार उपस्थित थे।
कार्ड से होगा लेन-देन
मप्र हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अरविंद शुक्ला ने बताया कि कैशलेश कोर्ट फीस भुगतान सेवा शुरू होने से अधिवक्ता व पक्षकार पीओएस मशीन के माध्यम से सभी राष्ट्रीयकृत बैंको के डेबिट व क्रेडिट कार्ड के जरिए कोर्ट फीस का ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इसके लिए राज्य सरकार की सायबर ट्रेजरी को हाईकोर्ट की वेबसाइट से इंटीग्रेट किया है। इससे कोर्ट फीस का तत्काल भुगतान संभव हो सकेगा। यह भी जानकारी मिल जाएगी कि भुगतान हुआ अथवा नहीं। चीफ जस्टिस गुप्ता ने कहा कि यह सुविधा वकीलों, पक्षकारों के लिए अत्यंत लाभदायक साबित होगी। इस दौरान महाधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव, रजिस्ट्रार जनरल शुक्ला, रजिस्ट्रार प्रशासन सतीश चंद्र राय भी मौजूद थे।
पंजाब से शुरू की वकालत
चीफ जस्टिस गुप्ता ने वकील के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से की। वे यहां 1997 से 1999 तक पंजाब सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता रहे। 2 जुलाई 2002 को उन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 8 फरवरी 2016 को उनका पटना हाईकोर्ट तबादला हो गया। जहां 29 अक्टूबर को वे एक्टिंग चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए। 18 मार्च 2017 को जस्टिस गुप्ता को मप्र हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधिपति नियुक्त किया गया।