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जबलपुर

एमपी में एबीवीपी से जुड़े यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों पर हुई बड़ी कार्रवाई

कांग्रेस सरकार ने भाजपा शासन का पुराना निर्णय पलटा, उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश

जबलपुरJan 15, 2019 / 01:01 am

deepankar roy

जबलपुर. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने यूनिवर्सिर्टीज से जुड़ा भाजपा कार्यकाल का एक अहम निर्णय पलट दिया है। कॉलेज में बेहद कम समय की चाकरी में जुगाड़ भिड़ाकर कॉलेज से विश्वविद्यालय तक पहुंचने वाले दो प्रोफेसरों की प्रतिनियुक्ति सोमवार को उच्च शिक्षा विभाग ने समाप्त कर दी। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही दोनों प्रोफेसरों को प्रतिनियुक्ति से हटाने की चर्चा थी। सूत्रों के अनुसार इतिहास के प्राध्यापक अलकेश चतुर्वेदी और अर्थशास्त्र के सह प्राध्यापक नरेंद्र कोष्ठी कुछ महीने से रादुविवि में प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे थे। दोनों विशेष विचारधारा के समर्थक माने जाते है।
कोष्ठी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी भी रह चुके है। दोनों प्रोफेसर विधानसभा चुनाव के दौरान से ही एनएसयूआई के निशाने पर थे। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही एनएसयूआई उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कराने के लिए लामबंद थी। इसके साथ ही पिछली सरकार के कार्यकाल में शिक्षण संस्थाओं में प्रतिनियुक्ति के जरिए प्रमुख पदों तक पहुंचने वालों को हटाने की शुरुआत भी हो गई है।

मेडिकल यूनिवर्सिटी से एआर को हटाया-
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से प्रतिनियुक्ति सेवा समाप्त करने की कार्रवाई के लपेटे में मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की एक सहायक कुलसचिव भी आ गई है। सहायक कुलसचिव सुनीता देवड़ी की प्रतिनियुक्ति भी समाप्त कर दी गई है। उन्हें कुछ वर्षों रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से प्रतिनियुक्ति पर मेडिकल यूनिवर्सिटी में पदस्थ किया गया था।

तीन दिन में किया भोपाल तलब-
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में सेवा दे रहे दोनों प्रोफेसर्स की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने का आदेश सोमवार को उच्च शिक्षा विभाग में अपर सचिव जयश्री मिश्रा ने जारी किए। इसमें संबंधित प्रोफेसर्स की सेवाएं प्रतिनियुक्ति अवधि पूरी होने के पूर्व तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाने का निर्देश है। संबंधित अधिकारियों को अपनी उपस्थिति तीन दिवस में सतपुड़ा भवन स्थित आयुक्त कार्यालय में तलब किया है। आदेश की पालना न होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है।

50 से ज्यादा की सूची तैयार-
उच्च शिक्षा विभाग ने प्रतिनियुक्ति पर विभिन्न विभागों में पदस्थ करीब प्रोफसरों की सूची तैयार की है। सूची में ऐसे 50 प्राध्यापक, सह प्राध्यापक, ग्रंथपाल आदि हैं, जिन्हें हटाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इस सूची में रादुविवि के प्रोफेसरों के अलावा मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार सुनील खरे, एवं सीमा डेकाटे के नाम भी शामिल होने की चर्चा शामिल हैं। ये भी पिछली सरकार में उच्च शिक्षा विभाग से प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए थे।

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