बुधवार को जबलपुर पहुंचे गृहमंत्री ने कहा कि यहां भ्रम से निर्मित आंदोलन चलाए जा रहे हैं। कृषि कानून को काला कानून बताने वाले आज तक नहीं बता पाए कि इसमें काला क्या है। संभावनाओं पर आंदोलन हो रहे हैं। पहले सीएए-एनआरसी में भी टुकड़े-टुकड़े गैंग ऐसा कर चुकी है। अब कृषि कानून पर भी ऐसा किया जा रहा है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर पर जो कुछ हुआ, उससे देश शर्मसार है। किसान आंदोलन के नाम पर अराजकता फैलाई जा रही है।
गृह मंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश में लगातार माफिया पर कार्रवाई हो रही है। चाहे भू-माफिया हों, रेत माफिया या शराब माफिया। किसी भी माफिया को सरकार छोड़ने के मूड में अब नहीं है। गृहमंत्री ने प्रदेश में और शराब की दुकानें खोलने की मांग दोहराई। बोले कि अधिक दुकानें खोलकर ही उज्जैन और मुरैना जैसी घटनाओं को रोका जा सकता है। पूर्व सीएम उमा भारती के शराबबंदी की मांग उठाए जाने पर कहा कि मैं पहले ही अपनी बात रख चुका हूं, बाकियों ने अपनी मांग रखी है। फैसला लेने का अधिकार मुख्यमंत्री का है।
गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा उपाध्यक्ष पद देने की परंपरा तोड़ी है। ऐसे में अब कांग्रेस को उपाध्यक्ष पद देने का कोई औचित्य ही नहीं है।