इंदौर के अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में एमबीबीएस फाइनल इयर की छात्रा राधा समता की ओर से याचिका दायर कर आरोप लगाया गया कि उसे मनमाने तरीके से ऑब्सट्रेटिक्स एंड गायनेकोलॉजी विषय में महज 10 अंक दिए गए। जबकि अन्य विषयों में कहीं अधिक अंक हासिल हुए हैं। अधिवक्ता आदित्य संघी ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता मेधावी छात्रा है। दूसरे विषयों में तो उचित अंक मिले, लेकिन ऑब्सट्रेटिक्स एंड गायनेकोलॉजी में महज 10 अंक दे दिए गए।
अधिवक्ता आदित्य संघी ने बहस के दौरान तर्क दिया कि एमपी मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी, जबलपुर में व्यापमं जैसा ही दूसरा कोई घोटाला चल रहा है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि परीक्षा के रिकॉर्ड या तो गीले कर दिए जाते हैं या जला दिए जाते हैं। तरह-तरह की बहानेबाजी कर उत्तर पुस्तिका दिखाने से इनकार कर दिया जाता है। लिहाजा, हाई कोर्ट रिकॉर्ड तलब करे। नए सिरे से जांच होने पर हकीकत सामने आ ही जाएगी।
एमपी मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी, जबलपुर में रुपए देने वालों को अधिक अंक दे दिए जाते हैं और जो रुपए नहीं देते उन्हें 10 अंक जैसी त्रासदी का शिकार होना पड़ता है। मामले में राज्य सरकार, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा व एमपी मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी, जबलपुर के डीन को पक्षकार बनाया गया है। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।