राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कोरोना से होने वाली मौत पर चिंता जताते हुए दवाओं की कालाबाजारी पर भी सवाल खड़ा किया है। कहा है कि देश में रेमडेसिविर दवा की जरूरत बढ़ गई है। ऐसे में कालाबाजारी जमकर हो रही है। प्रदेश सरकार ने इस दवा का नियंत्रण खुद रखा हुआ है, रोजाना अस्पतालों को 100-200 इंजेक्शन वितरित किए जा रहे हैं। लेकिन इसके विपरीत तय संख्या से 400-500 मरीजों को इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं, जिससे संदेह पैदा हो रहा है कि आखिर अतिरिक्त इंजेक्शन की आपूर्ति कहां से हो रही है। कहीं ऐसा तो नहीं कि कई अस्पतालों में मरीजो को नकली रेमडेसिविर के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं।
तन्खा ने कहा कि ये भी सुनिश्चित नहीं हो रहा है कि मरीज को असली या नकली इंजेक्शन लगा है नकली इंजेक्शन लगने से हुई मौत के लिए जिम्मेदार कौन होगा। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री से सख्त कार्रवाही करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक और सिविल दोनों धाराओं के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।
उधर विधायक विनय सक्सेना ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपे पत्रक में आरोप लगाया है कि कोरोना आपदा में कई निजी अस्पताल मरीजों को लूटने में लगे हुए है। सुविधा के आभाव में कई मरीज दम तोड़ रहे हैं। अस्पतालों के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई की बजाए उनसे चंदा लेकर सौदेबाजी करने में जुटा है।
उन्होंने इस संबंध में उच्च स्तरीय कमेटी से जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिन पहले ड्राइव इन वैक्सीन को लेकर मैंने कलेक्टर को ज्ञापन दिया लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि विक्टोरिया अस्पताल की आक्सीजन लाइन बेहद कमजोर है उसकी मरम्मत के लिए शीघ्र निर्देश दिए जाएं।