शराब दुकान के मैनेजर की जवाबदारी तय
शहर की ग्रामीण क्षेत्रों में खुली शराब की दुकानें पुलिस के लिए मुसीबत साबित हो रही हैं। पनागर, बेलखाड़ू, सालीवाड़ा, मीरगंज की शराब दुकानों पर शहर से कार व बाइक से लोग पहुंच रहे हैं। इन्हें रोकना पुलिस के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। अब इसके लिए दुकान के मैनेजरों को जवाबदारी तय की गई है। सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन होने पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी।
ग्रामीण क्षेत्र में शराब दुकानें खुलने से बढ़ी मांग, शहर से भी पहुंचे लोग
लॉकडाउन के बीच जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में देसी-विदेशी शराब दुकानें खुलने से मांग में इजाफा हो गया। ठेकेदार ने गुरुवार को आबकारी विभाग से डिपो से दो करोड़ रुपए की अंग्रेजी शराब खरीदने के लिए एनओसी मांगी। देसी शराब के लिए भी 50 लाख से अधिक की एनओसी जारी की गई। दोनों शराब के दाम भी 20 से 15 प्रतिशत बढ़े हैं। शराब दुकानों में भीड़ बढऩे पर कुछ जगह विवाद भी हुआ। पुलिस ने लोगों को शांत कराया। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 75 शराब दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है। इनमें से 73 दुकानें खुल रही हैं। इसमें देसी शराब की 60 दुकानें हैं। पहले दिन की मांग को देखते हुए ठेका फर्म ने बड़ी मात्रा में शराब के उठाव की एनओसी मांगी थी, जिसे जारी कर दिया गया। पहले दिन दुकानें खुली तों उसमें पुराना स्टॉक ज्यादा था, इसलिए कुछ ही दुकानों के लिए नए उठाव के लिए ठेका फर्म ने एनओसी मांगी थी। लेकिन, गुरुवार को ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा की शराब के उठाव के लिए एनओसी मांगी गई।
पुलिस जवानों की तैनाती
सबसे अधिक भीड़ शहर से लगे ग्रामीण इलाकों की शराब दुकानों में लग रही है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए दुकानों पर आबकारी विभाग के सिपाहियों के साथ पुलिस जवानों को भी तैनाती की गई है।