आधे से ज्यादा के पंजीयन नहीं
सीसीआईएम के शिक्षकों पंजीयन सम्बंधी आदेश ने भी कॉलेजों की समस्या बढ़ा दी है। काउंसिल ने प्रत्येक चिकित्सा शिक्षक का सम्बंधित स्टेट बोर्ड में पंजीयन आवश्यक कर दिया है। बताया जा रहा है कि कॉलेजों में पढ़ाने वाले आधे से ज्यादा प्राध्यापकों का स्टेट बोर्ड में पंजीयन नहीं है। इस सम्बंध में सीसीआईएम ने स्टेट बोर्ड व राज्य सरकारों को सख्त कार्रवाई करने का पत्र भेजा है। इससे मान्यता हासिल करने के लिए दस्तावेजों में हेराफेरी करके प्राध्यापकों की संख्या प्रदर्शित करने वाले प्राइवेट कॉलेजों में हडक़म्प है।
तीन साल का रेकॉर्ड मांगा
सीसीआईएम ने छात्र-छात्राओं की शिकायत की पड़ताल के लिए सभी एएसयू कॉलेजों से तीन साल का रेकॉर्ड मांगा है। इसमें प्रोफेसरों का नाम, पता, विशेषज्ञता सहित शिक्षण कार्यों का विवरण शामिल है, जिससे पता लगाया जा सके कि प्रोफेसर नियमित तौर पर छात्रों को पढ़ा रहे हैं या महज खानापूर्ति हो रही है।
ज्यादातर एएसयू प्राध्यापकों ने सेंट्रल बोर्ड, नई दिल्ली से पंजीयन करा रखा है। वे अवैध नहीं हैं। सीसीआईएम ने स्टेट बोर्ड से पंजीयन और अन्य आदेश दिए हैं। इसका पालन किया जाएगा।
डॉ. राकेश पांडेय, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आयुष मेडिकल एसोसिएशन