डिंडोरी में शादी तय हो चुकी थी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक उमरझर निवासी शंकर सिंह की डिंडोरी में शादी तय हो चुकी थी। वह और मंगेतर अक्सर घरवालों की बगैर जानकारी मिलते थे। आठ जनवरी को शंकर ने कुंडम शासकीय महाविद्यालय से क्लास के बाद दोस्तों को यह कहते हुए घर भेज दिया कि वह बहन के यहां सुनकही जा रहा है। जबकि, उसने डिंडोरी निवासी मंगेतर को कुंडम मिलने के लिए बुलाया था। दोनों रात में उमरझर और सदाफल गांव के बीच स्थित एक पेड़ के नीचे काफी देर तक मौजूद थे। वहां समोसा भी दोनों ने खाया। मंगेतर ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि रात नौ बजे के लगभग दो युवक टॉर्च मारते हुए पेड़ के पास पहुंचे थे। घबराहट में दोनों भागे और सदाफल गांव के पास एक खेत तक गए। खेत मालिक ने चारों तरफ तार की फेंसिंग लगा रखी है। उसके करंट के सम्पर्क में आने से शंकर की मौत हो गई।
शोर सुनकर पहुंचा था खेत मालिक
पुलिस ने उस खेत मालिक को भी ढूंढ निकाला है। उसने बयान में बताया कि चीख सुनकर वह बेटे के साथ मौके पर पहुंचा तो शंकर तारों से लटका हुआ था। जबकि, उसकी मंगेतर वहीं बैठी रोती मिली। इसके बाद पिता-पुत्र ने शंकर की लाश को पहाड़ी से नीचे बेड़ीलाल के खेत में फेंक दिया था। खेत मालिक की पत्नी ने उसकी मंगेतर को रात में टपरिया में ही रुकने के लिए कहा था, लेकिन वह रात में ही चली गयी। हालांकि मंगेतर ने बयानों में रात में रुकने का दावा करते हुए सुबह निकलने की बात कही है। शंकर का मोबाइल भी मंगेतर लेकर घर चली गई थी।
ये कड़ी सुलझते ही होगा खुलासा-
महुआ पेड़ के नीचे टॉर्च मारने वाले दोनों युवक कौन थे?
दोनों युवक बगैर पीछा किए कहां भाग गए?
यदि शंकर को करंट लगा था, तो पीएम रिपोर्ट में रेखाओं में करंट का निशान आता
शंकर के पीएम रिपोर्ट में बताया गया है कि उसे करंट से शरीर के अलग-अलग अंगों को पिन की तरह झटका देकर मारा गया है
शंकर की मंगेतर रात नौ बजे ही घटनास्थल से निकली थी, तो रात भर कहां रही।