दरअसल अज्ञात लाशो का संस्कार करने वाली गरीब नवाज़ कमेटी जब एक अज्ञात लाश को लेने मच्र्युरी पहुॅची तब उसकी नज़र फ्रीजर बाॅक्स से निकल रहे कीड़ो पर पड़ी ……. बाॅक्स खोला तो जो कुछ सामने आया उसने सबके होश ही उड़ा दिए। लाश करीब 1 महीने से भी ज्यादा पुरानी बताई जा रही है जिसकी न तो मच्र्युरी रजिस्टर मे कोई एंट्री है और न ही कोई सूचना पुलिस को दी गई। अस्पताल के प्रभारी सिविल सर्जन बड़ी मुश्किल से मीडिया के सामने आए तो वो भी रटा रटाया जवाब लेकर….. कि मुझे कुछ नही पता। जिम्मेदारी किसकी और लापरवाही किसकी अब इसकी जाॅच पुलिस करेगी।
ऐसे समझें पूरा मामला-
विक्टोरिया जिला अस्पताल की मरचुरी में गुरुवार को सड़ा-गला शव बरामद हुआ है। फ्रीजर से कीड़े बाहर आने लगे तो शव होने का पता चला। लगभग कंकाल में तब्दील हो चुके शव के करीब एक माह पुराना होने की बात कही जा रही है। हैरत की बात यह है कि अस्पताल प्रशासन के पास सड़े-गले शव का कोई रेकॉर्ड नहीं है। मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि मरचुरी में शव कब और कैसे पहुंचा। अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच पुलिस को सौंप दी है। ओमती पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
ऐसे हुआ खुलासा
गरीब नवाज कमेटी के सदस्य गुरुवार को एक लावारिस शव रखने के लिए अस्पताल की मरचुरी में पहुंचे तो वहां रखे एक अन्य फ्रीजर से कीड़े निकलते नजर आए। उन्होंने फ्रीजर खोला तो उसमें एक सड़ा-गला शव रखा था। कमेटी के सदस्यों ने अस्पताल के अधिकारियों को फ्रीजर में शव रखे होने की सूचना दी। कीड़ों ने शव का मांस खा लिया था। सूचना पर अधिकारियों ने अस्पताल में हुई मौतों और मरचुरी के रेकॉर्ड खंगाले, लेकिन फ्रीजर में सड़ रहे शव की शिनाख्त नहीं हो सकी।
कैजुअल्टी प्रभारी को भी जानकारी नहीं
अस्पताल प्रशासन को प्रारंभिक छानबीन में वार्ड और कैजुल्टी में आए किसी अज्ञात मरीज की मौत का रेकॉर्ड नहीं मिला है। मरचुरी की चाबी कैजुअल्टी के प्रभारी सीएमओ के पास होती है। उन्हें भी शव की जानकारी नहीं थी।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
एक माह पुराना शव अस्पताल की मरचुरी में रखने और अस्पताल प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं होने से वहां की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था संदिग्ध हो गई है।
मरचुरी के फ्रीजर में एक अज्ञात शव मिला है। शव अस्पताल कैसे पहुंचा, मृतक कौन है, यह जांच का विषय है। पुलिस को सूचना दे दी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ. डीपी गूजर, प्रभारी सिविल सर्जन