नव ग्रह शांति की पूजा
नागपंचमी के दिन काल सर्प योग, नवग्रह शांति, तक्षक पूजन, राहू ग्रह बाधा के लिए अनुष्ठान किए जाते हैं। नागपंचमी के दिन भगवान शिव पार्वती की पूजा फलदायी होती है। नागपंचमी के दिन रुद्राभिषेक का अत्यंत महत्व है। शेषनाग ने पृथ्वी का भार अपने सिर पर उठाया है, इसलिए उनकी पूजा की जाती है।
नाग की आकृति बना पूजन की परम्परा
नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। इस दिन आस्था भाव से घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर नाग की आकृति बनानी चाहिए। नाग की प्रतिमा स्थापित कर फल, पुष्प के साथ पूजन कर नाग देवता को दूध चढ़ाना चाहिए। घर से दूर के स्थान पर भी नाग देवता को दूध चढ़ाने का विधान है।
दूध पिलाना गलत, सांप के लिए बन जाता है जानलेवा
धार्मिक आस्था में सर्प को दूध पिलाना गलत कार्य है। प्राकृतिक तौर पर सांप दूध नहीं पीता है। सांप कलर ब्लाइंड होता है, वह रंग की पहचान नहीं कर सकता है। लम्बे समय तक सपेरों के पिटारी में बंद होने से व अधिक भूखा होता है। इसी के चलते सांप कुछ दूध पी लेता है। यह दूध उसके लिए हानिकारक होता है, यह उसे बीमार कर सकता है। यहां तक कि यह उसकी मौत का भी कारण बन सकता है। डीएफओ रवींद्र मणि त्रिपाठी ने कहा, सांप को दूध पिलाना क्रूरता है। सांपों को पिटारी में बंद करके भ्रमण करने वालों को हिरासत में लेकर कार्रवाई की जाएगी।