एसआईटी के अनुसार तीनों दलालों की पैठ शहर की छोटी बस्तियों में थी। वे पहले ऐसे लोगों को तलाशते, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। उन्हें बातों में फंसाते और रुपयों का लालच देते। जिसके बाद ये तीनों दलाल लोगों के दस्तावेज लेकर अस्पताल पहुंचते। इसके बाद हितग्राहियों को अस्पताल में लाकर भर्ती करा देते थे। अस्पताल में ही हितग्राहियों के कार्ड बनते थे।आलीशान मकान खरीदा
एसआईटी की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि जब डॉक्टर दम्पती ने आयुष्मान योजना के तहत फर्जीवाड़ा किया, तो इसके बाद उन्होंने गोरखपुर थाना क्षेत्र में एक महंगी जमीन खरीदी थी। जहां बंगला निर्माण का कार्य भी शुरू हो गया था। गिरफ्तारी के बाद वहां का काम रोक दिया गया है।रईसा का नहीं चला पता
मामले में एसआईटी ने महिला दलाल रईसा बेगम को आरोपी बनाया। उसके न मिल पाने पर उस पर पांच हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया। पुलिस टीमें लगातार महिला दलाल के परिजनों और परिचितों से पूछताछ कर उसका पता लगाने का प्रयास कर रही हैं।