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जबलपुर

धर्म-अध्यात्म, भक्ति-संगीत के साथ मिल रही विधिक सलाह, कॅरियर पर मार्गदर्शन

नर्मदा गो कुम्भ: वित्तमंत्री ने मेले का शुभारम्भ किया, शाम को हुई भव्य महाआरती

जबलपुरFeb 28, 2020 / 01:29 am

shivmangal singh

धर्म-अध्यात्म, भक्ति-संगीत के साथ मिल रही विधिक सलाह, कॅरियर पर मार्गदर्शन

धर्म-अध्यात्म, भक्ति-संगीत के साथ मिल रही विधिक सलाह, कॅरियर पर मार्गदर्शन

जबलपुर. ग्वारीघाट में नर्मदा गो कुम्भ के दौरान धर्म-अध्यात्म, भक्ति संगीत की धारा बह रही है। यज्ञ शालाओं में आहूति दी जा रही है। संत सम्मेलन और रात में धार्मिक एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का क्रम जारी रही है। श्रृद्धालुओं को साधु-संतों के सान्निध्य के साथ ही नियम-कानून, स्वास्थ्य और करियर पर भी मार्गदर्शन मिल रहा है। इसके लिए सम्बंधित विभागों की ओर से कुम्भ स्थल पर स्टॉल लगाए गए हैं। मां नर्मदा के दर्शन और मेला भ्रमण पर आ रहे लोगों की भीड़ इन स्टॉल पर भी उमड़ रही है। गुरुवार को कुम्भ में मेला का वित्त मंत्री तरुण भनोत, जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा, कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया ने शुभारम्भ किया। मेला स्थल का भ्रमण और चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया। वित्तमंत्री शाम को महाआरती में भी शामिल हुए। गो कुम्भ संरक्षक स्वामी श्यामदेवाचार्य, स्वामी नरसिंह दास, कलेक्टर भरत यादव, विधायक संजय यादव, नगर निगम कमिश्नर आशीष कुमार एवं गौरव भनोत उपस्थित थे।
मेला में वित्त मंत्री ने कहा कि संतों और मां नर्मदा के आशीर्वाद से ही सरकार बनी है। सरकार को संतों, धर्मों के अनुसार चलना चाहिए। राज्य सरकार राम वन गमन पथ का निर्माण करेगी। सरकार ने हर 6 वर्ष में आयोजित नर्मदा कुम्भ के लिए बजट में स्थायी कोष स्वीकृत किया है। श्रीलंका में माता सीता का मंदिर बनाया जाएगा।
नर्मदा नदी नहीं मां की करुणा कृपा हैं: स्वामी हरि चैतन्य
गो कुम्भ में संत समागम में गुरुवार को स्वामी हरि चैतन्य पुरी शामिल हुए। अपने अनुयायियों के बीच ‘कामा के कन्हैया, लाठी वाले भैयाÓ के नाम लोकप्रिय स्वामी ने संबोधन में कहा कि मां नर्मदा नदी नहीं मां की करुणा कृपा है। इस जगत के कल्याण के लिए धरती पर अवतरित हुई है। हरि चैतन्त ने कहा कि हम योगी के साथ उपयोगी बनें। बिना तपे कोई योगी नहीं बन सकता है। भारतीय संस्कृति को मिटाने के लिए आया कोई भी बच नहीं सकता। भारत की संस्कृति में शांति है। कथा प्रवचन, चिकित्सा, शिक्षा व्यवसाय बनकर रह गए है। इससे विसंगतियां उत्पन्न हो रही है। कुंभ महाकुंभ तब बनता है जब भक्त, भगवान और संतो का मिलन होता है। संत समागन में बाबा कल्याणदास, स्वामी ज्ञानानंद, स्वामी श्यामदेवाचार्य के भी प्रवचन हुए।
किन्नर संत के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़
कुम्भ में किन्नर संत के दर्शन के लिए भीड़ उमड़ रही है। उनके दर्शन कर सुख-समृद्धि का सिक्का प्राप्त कर रहे है।
गुरुवार को महामंडलेश्वर किन्नर हिमांगी सखी के दर्शन के अचानक बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए। इससे उनके पंडाल में अव्यवस्था फैलने लगी। धक्का-मुक्की होने पर पुलिस ने मोर्चा संभाला। हिमांशी सखी लोगों को दर्शन देने के लिए पंडाल से बाहर आयी। इस दौरान अचानक भीड़ बेकाबू हो गई। लेकिन कुछ ही देर में पुलिस ने भीड़ को काबू में कर लिया।

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