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जबलपुर

हाईटेक सुरक्षा के बीच होगी मेडिकल, डेंटल और आयुष कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा, ये डॉक्यूमेंट ले जाना न भूलें

हाईटेक सुरक्षा के बीच होगी मेडिकल, डेंटल और आयुष कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा, ये डॉक्यूमेंट ले जाना न भूलें

जबलपुरMay 04, 2019 / 07:08 pm

abhishek dixit

NEET 2019 Admit Card

Neet

जबलपुर. नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) इस बार पेन और पेपर मोड बेस्ड होगी। हाईफाई डिवाइस से नकल रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों में जैमर लगाए जाएंगे। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने पांच मई को होने वाली नीट (यूजी) -2019 की व्यवस्था में बदलाव किए हैं। ऑनलाइन होने वाली यह परीक्षा इस साल ऑफलाइन होगी। नकल पर अंकुश लगाने के लिए एनटीए परीक्षा केंद्रों में प्रति 50 विद्यार्थियों के बीच एक जैमर लगवा रहा है। सीसीटीवी कैमरों के जरिए परीक्षार्थियों की गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। परीक्षा केंद्रों की वीडियोग्राफी कराने का निर्णय भी किया गया है।

परीक्षा केंद्र में मिलेगा पेन
जानकारों के अनुसार इस सिस्टम में परीक्षार्थी को केंद्र में प्रवेश के बाद प्रश्न-पत्र (सील्ड उत्तर पुस्तिका के साथ) के साथ पेन भी दिया जाएगा। प्रश्न-पत्र में पूछे गए सवाल के जवाब के लिए चार विकल्प होंगे। सही जवाब वाले गोले को केंद्र में दिए गए पेन से भरना होगा। परीक्षा के बाद उत्तरपुस्तिका जमा कर ली जाएगी। विद्यार्थियों को नीट की मेरिट के आधार पर मेडिकल, डेंटल और आयुष कॉलेजों में स्नातक स्तर पर डिग्री पाठ्यक्रम में प्रवेश की अनुमति होगी।

प्रवेश पत्र भूले तो परीक्षा से चूके
नीट के लिए छात्र-छात्राओं के लिए ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है। इसके अनुसार परीक्षार्थी पूरी बाह वाले कपड़े पहनकर नहीं आएं। चाय, कॉफी, बिस्किट, कोल्ड ड्रिंक्स, चॉकलेट और कोई भी बॉटल परीक्षा हॉल में नहीं ले जाएं। छात्राएं झुमके, ब्रेसलेट, हाई हील सैंडल न पहनें। जूतों की जगह चप्पल या कम ऊंची सैंडल छात्र पहनें तो बेहतर है। बिना एडमिट कार्ड के छात्र परीक्षा नहीं दे सकेंगे।

इन कोर्स में प्रवेश के लिए जरूरी है परीक्षा
– एमबीबीएस
– बीडीएस
– बीएएमएस
– बीएचएमएस
– बीयूएमएस

ग्रामीण सुदूर क्षेत्रों में नीट एग्जाम पैटर्न को लेकर जानकारी का अभाव है। इस बार पेन और पेपर मोड बेस्ड एग्जाम हो रहे हैं। हर बदलाव की छात्र-छात्राओं को जानकारी प्राप्त हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए, वरना पिछले वर्ष की तरह आयुष कॉलेजों में सीटें रिक्त रह जाएंगी। गर्मी को ध्यान में रखते हुए केंद्र में चिकित्सक की तैनाती होनी चाहिए।
डॉ. राकेश पाण्डेय, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आयुष मेडिकल एसोसिएशन

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