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जबलपुर

मॉडल ट्रेनिंग में विदेशी डॉक्टरों को सिखाई जटिल सर्जरी की देसी टेक्नीक

– न्यूरो और स्पाइन सर्जरी में यूज हुए प्रोडक्ट को बनाया यूजफुल- 20वीं न्यूरो एंडोस्कोपी फेलोशिप शुरू- देश-विदेश के 60 डॉक्टर आए

जबलपुरSep 18, 2019 / 05:57 pm

abhishek dixit

Neuro Endoscopy Fellowship In Jabalpur

Neuro Endoscopy Fellowship In Jabalpur

जबलपुर. नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को 20वीं न्यूरो एंडोस्कोपी फेलोशिप शुरू हुई। इटली, ईराक, बांग्लादेश, जार्डन, नेपाल देश के अलावा विभिन्न शहरों के चयनित 60 डॉक्टर ट्रेनिंग लेने आए हैं। पहले दिन मॉडल ट्रेनिंग में न्यूरो सर्जरी का इंडीजिनस मॉडल बताया गया। जबकि, ओटी में पांच जटिल सर्जरी की गई। फेलोशिप के चेयरमैन डॉ. वायआर यादव ने दिमाग की जटिल सर्जरी में महंगे उपकरणों के बजाए इंडीजिनस (देसी) मॉडल बनाया। देश-विदेश के डॉक्टरों की ओर से ट्रेनिंग की डिमांड होने पर मार्च 2010 में फेलोशिप शुरू की गई और प्रतिवर्ष दो बार सर्जरी की इस टेक्निक की टे्रनिंग दी जा रही है। फेलोशिप के सचिव डॉ. विजय परिहार ने बताया, टॅफ सर्जरी के मॉडल विदेश से निर्यात होते थे और वे ज्यादा महंगे थे। क्रिस्टल पाइप, सिम्पल पीवीसी पाइप, सिलीकॉन पाइप, यूज किए हुए कैथेटर और एनॉटामी विभाग में प्रैक्टिकल के बाद यूज रक्त वाहिनियों के माध्यम से सर्जरी के मॉडल तैयार किए गए। ऐसे प्रयोग से आर्थिक रूप से अक्षम मरीजों की सर्जरी भी आसान हो गई। ये मॉडल दिमाग, गर्दन की नस, कमर और रीढ़ की सर्जरी में यूजफुल हो गए। मॉडल टे्रनिंग में मिट्टी से निर्मित दिमाग, पपीता और शिमला मिर्च पर डॉक्टरों के कांसेप्ट क्लियर किया गया। तीन दिन मॉडल टेङ्क्षनग होगी और दो दिन डेड बॉडी पर लाइव सर्जरी की जाएगी।

कृनियो वर्टेबल जंक्शन पर लेक्चर
मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. आरएस शर्मा, डीन प्रो. पीके कसार, प्रो. नवनीत सक्सेना ने फे लोशिप का उद्घाटन किया। दिल्ली के न्यूरोसर्जन डॉ. वीके जैन ने कृनियो वर्टेब्रल जंक्शन (गर्दन की हड्डियों की विकृति) पर लेक्चर दिया।

अति सूक्ष्म चीरे से दूर किया सायएटिका का असहनीय दर्द
न्यूरो सर्जन डॉ. वायआर यादव एवं डॉ. विजय परिहार के अंडर में दो टीमों ने ओटी में फ्री सर्जरी की। सतना के गिरजा प्रसाद (40), मंझगाओ की विमला बाई के सायऐटिका की सर्जरी अति सूक्ष्म चीरे से की गई। उन्हें असहनीय दर्द से निजात मिली। अत्याधुनिक डेस्टांडु टेक्निक से 4 मिमी दूरबीन से सर्जरी की गई। दूसरी ओटी में तीन माह की बच्ची मंजू के सिर में जन्मजात पानी भरने की समस्या को लोटा दूरबीन टेक्निक से सिर में जमा पानी को निकाला गया। सिंगरौली निवासी बुढ़ाई राम के चेहरे के बायीं ओर असहनीय दर्द था। जिसे सामान्य भाषा में नाड़ी त्रिशूल तथा मेडिकल विज्ञान में ट्राईजोमिनल न्यूराल्जिया कहा जाता है। अत्याधुनिक विटोम से अति सूक्ष्म चीरे से चेहरे की उलझीं हुईं नसों को अलग कर दर्द से राहत दिलाई गई।

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