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जबलपुर

मेडिकल कॉलेज : फ्लोर बेड पर चल रहा इलाज, ऑपरेशन के इंतजार में बिगड़ रही सेहत

डॉक्टरों को सलाम: सुविधाएं पड़ रहीं कम, मरीज आ रहे ज्यादा, फिर भी चल रहा निर्बाद्ध इलाज
 

जबलपुरJan 06, 2021 / 05:51 pm

Lalit kostha

Medical College Jabalpur

Medical College Jabalpur

जबलपुर। महाराजपुर निवासी 22 वर्षीय युवती की तबियत बिगडऩे पर परिजन उसे नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ले गए। डॉक्टर ने स्पाइन की समस्या बताकर तुरंत ऑपरेशन की आवश्यकता बताई। बेड खाली नहीं होने के कारण उसे फ्लोर बेड पर भर्ती किया गया। भर्ती करने के पांच दिन बाद ऑपरेशन हुआ। इससे उसकी तबियत सुधरने के बजाय बिगड़ गई। यह केवल एक युवती की व्यथा नहीं है। बल्कि, मेडिकल अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग में इलाज के लिए आने वाले हर उस मरीज की सेहत बिगड़ रही है, जिसे तुरंत सर्जरी की जरूरत है। इसका कारण न्यूरो सर्जरी विभाग के अपग्रेडेशन में सरकार की सुस्ती है। भवन का विस्तार होने के बाद भी नए वार्ड और ऑपरेशन थिएटर के दरवाजे नहीं खुल पा रहे हैं।

मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभाग का मामला
क्षमता से ज्यादा मरीज भर्ती होने से कम पड़ रहे बेड
फ्लोर बेड पर चल रहा इलाज, ऑपरेशन के इंतजार में बिगड़ रही सेहत

तुरंत सर्जरी होती तो हालत नहीं बिगड़ती
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, महाराजपुर निवासी भुवनेश्वरी सिंह का आरोप है कि उनकी 22 वर्षीय भतीजी एक सुबह खड़ी नहीं हो पा रही थी। जांच कराने पर डॉक्टर ने स्पाइन की समस्या बताते हुए तुरंत सर्जरी का परामर्श दिया। 19 दिसंबर, 2020 को ऑपरेशन के लिए सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती किया। 22 दिसंबर को सेहत बिगडऩे पर आइसीयू में शिफ्ट किया गया। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था। 24 दिसंबर को सर्जरी हुई। उसके बाद सेहत बिगड़ती चली गई। अब डॉक्टर का कहना है कि मरीज के बचने की उम्मीद नहीं है। उधर, युवती का इलाज करने वाले डॉक्टर्स का कहना है कि मरीज के सर्वाइकल कार्ड में पानी जमा हो गया था, इस गम्भीर स्थिति का इलाज सम्भव नहीं है।

क्षमता से ज्यादा मरीज, आइसीयू की कमी
मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभाग में क्षमता से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में कोविड आइसोलेशन वार्ड बनाए जाने से मरीजों के लिए जगह कम पड़ रही है। न्यूरो सर्जरी विभाग के नए वार्ड, आइसीयू और ऑपरेशन थिएटर का भी उपयोग नहीं हो रहा है। यहां सभी आवश्यक उपकरण भी नहीं है। गम्भीर मरीजों की संख्या बढऩे से ऑपरेशन की वेटिंग बढ़ रही है।

मरीज को बेहतर इलाज देने का प्रयास कर रहे है। लेकिन, मानव संसाधन सीमित है। मरीजों की संख्या अधिक होने से सभी का तुरंत ऑपरेशन सम्भव नहीं होता है।
– डॉ. वायआर यादव, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एवं न्यूरो सर्जरी विभाग प्रमुख

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