मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभाग का मामला
क्षमता से ज्यादा मरीज भर्ती होने से कम पड़ रहे बेड
फ्लोर बेड पर चल रहा इलाज, ऑपरेशन के इंतजार में बिगड़ रही सेहत
तुरंत सर्जरी होती तो हालत नहीं बिगड़ती
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, महाराजपुर निवासी भुवनेश्वरी सिंह का आरोप है कि उनकी 22 वर्षीय भतीजी एक सुबह खड़ी नहीं हो पा रही थी। जांच कराने पर डॉक्टर ने स्पाइन की समस्या बताते हुए तुरंत सर्जरी का परामर्श दिया। 19 दिसंबर, 2020 को ऑपरेशन के लिए सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती किया। 22 दिसंबर को सेहत बिगडऩे पर आइसीयू में शिफ्ट किया गया। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था। 24 दिसंबर को सर्जरी हुई। उसके बाद सेहत बिगड़ती चली गई। अब डॉक्टर का कहना है कि मरीज के बचने की उम्मीद नहीं है। उधर, युवती का इलाज करने वाले डॉक्टर्स का कहना है कि मरीज के सर्वाइकल कार्ड में पानी जमा हो गया था, इस गम्भीर स्थिति का इलाज सम्भव नहीं है।
क्षमता से ज्यादा मरीज, आइसीयू की कमी
मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभाग में क्षमता से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में कोविड आइसोलेशन वार्ड बनाए जाने से मरीजों के लिए जगह कम पड़ रही है। न्यूरो सर्जरी विभाग के नए वार्ड, आइसीयू और ऑपरेशन थिएटर का भी उपयोग नहीं हो रहा है। यहां सभी आवश्यक उपकरण भी नहीं है। गम्भीर मरीजों की संख्या बढऩे से ऑपरेशन की वेटिंग बढ़ रही है।
मरीज को बेहतर इलाज देने का प्रयास कर रहे है। लेकिन, मानव संसाधन सीमित है। मरीजों की संख्या अधिक होने से सभी का तुरंत ऑपरेशन सम्भव नहीं होता है।
– डॉ. वायआर यादव, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एवं न्यूरो सर्जरी विभाग प्रमुख