कलेक्टर ने कहा है कि फीवर क्लीनिक में आने वाले प्रत्येक मरीज के लक्षणों का गंभीरता पूर्वक अध्ययन करने के बाद तत्काल यह सुनिश्चित किया जाए कि उसे कहां भेजना है यानी वह होम आइसोलेशन के काबिल है या उसे कोविड हॉस्पिटल भेजना चाहिए। कलेक्टर ने कहा कि कोरोना संक्रमण की जानकारी होने के 15 घंटे के भीतर हर हाल में मरीज को कोविड सेंटर में भर्ती करा दिया जाए।
कोरोना कंट्रोल रूम में आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय – फीवर क्लीनिक आने वाले प्रत्येक मरीज की जानकारी को रिकार्ड किया जाएगा
-फीवर क्लीनिक से तय हो कि मरीज को होम आइसोलेशन में रखना है या हॉस्पिटल में
– मरीज को लाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था तत्काल उपलब्ध होगी
इस दौरान उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन को प्रमोट करना है लेकिन हाई रिस्क के मरीज अस्पताल ही जाएंगे
– रैपिड रिस्पांस टीम और मेडिकल मोबाइल यूनिट के बैरियर को हटाकर उनमें एकरूपता लाएं और नई रणनीति के तहत टीम से काम लेंगे
-मानव संसाधन की कमी आती है तो आईटीआई, इंजीनियरिंग कॉलेज व स्कूल के स्टाफ को इस काम में लगाया जाएगा
-फीवर क्लीनिक से तय हो कि मरीज को होम आइसोलेशन में रखना है या हॉस्पिटल में
– मरीज को लाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था तत्काल उपलब्ध होगी
इस दौरान उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन को प्रमोट करना है लेकिन हाई रिस्क के मरीज अस्पताल ही जाएंगे
– रैपिड रिस्पांस टीम और मेडिकल मोबाइल यूनिट के बैरियर को हटाकर उनमें एकरूपता लाएं और नई रणनीति के तहत टीम से काम लेंगे
-मानव संसाधन की कमी आती है तो आईटीआई, इंजीनियरिंग कॉलेज व स्कूल के स्टाफ को इस काम में लगाया जाएगा
15 अतिरिक्त डॉक्टर तैनात होंगे – कोरोना कंट्रोल की नई रणनीति के तहत एक डॉक्टर कम से कम 8 घंटे काम करेंगे और होम आइसोलेशन वाले मरीजों की जानकारी भी जुटाएंगे।
– 15 डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाएगी और उनके लिए स्थान नियत किया जाएगा
– 15 डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाएगी और उनके लिए स्थान नियत किया जाएगा
बैठक में जिला पंचायत सीइओ प्रियंक मिश्र, अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।