8 लाख से ज्यादा थे मतदाता
अपडेशन की प्रक्रिया के दौरान जिले में पहले 18 लाख से ज्यादा मतदाता थे। लेकिन इस माह जारी सूची में यह घटकर 17 लाख 64 हजार रह गए। यानि 94 हजार 700 मतदाता कम हो गए। इसलिए प्रशासन के साथ ही राजनीतिक दलों ने इसे लेकर चिंता जताई थी। अब जनवरी में प्रकाशित होने वाली अंतिम मतदाता सूची में ज्यादा से ज्यादा नाम जोड़े जा रहे हैं। यह काम ऑनलाइन फॉर्म-6 के जरिए बीएलओ के साथ खुद मतदाता भी कर रहे हैं। इस काम के लिए विधानसभावार लक्ष्य निर्धारित है।
अभी तक 25 प्रतिशत मतदाताओं के फॉर्म लिए गए हैं। इसी प्रकार नाम काटने और सुधारने का काम भी किया जा रहा है। बीएलओ को नए मतदाता के नामों को शामिल करने के लिए कहा गया है। अब वे अपने क्षेत्रों में जाकर फॉर्म जमा करा रहे हैं। इसके लिए वे घरों में सम्पर्क कर रहे हैं। राजनीतिक दलों के बूथस्तर के कार्यकर्ता उनकी मदद कर रहे हैं।
अपडेशन की प्रक्रिया के दौरान जिले में पहले 18 लाख से ज्यादा मतदाता थे। लेकिन इस माह जारी सूची में यह घटकर 17 लाख 64 हजार रह गए। यानि 94 हजार 700 मतदाता कम हो गए। इसलिए प्रशासन के साथ ही राजनीतिक दलों ने इसे लेकर चिंता जताई थी। अब जनवरी में प्रकाशित होने वाली अंतिम मतदाता सूची में ज्यादा से ज्यादा नाम जोड़े जा रहे हैं। यह काम ऑनलाइन फॉर्म-6 के जरिए बीएलओ के साथ खुद मतदाता भी कर रहे हैं। इस काम के लिए विधानसभावार लक्ष्य निर्धारित है।
अभी तक 25 प्रतिशत मतदाताओं के फॉर्म लिए गए हैं। इसी प्रकार नाम काटने और सुधारने का काम भी किया जा रहा है। बीएलओ को नए मतदाता के नामों को शामिल करने के लिए कहा गया है। अब वे अपने क्षेत्रों में जाकर फॉर्म जमा करा रहे हैं। इसके लिए वे घरों में सम्पर्क कर रहे हैं। राजनीतिक दलों के बूथस्तर के कार्यकर्ता उनकी मदद कर रहे हैं।
हर विधानसभा में 7 हजार से अधिक लक्ष्य
किसी भी विधानसभा में सात हजार से कम लक्ष्य नहीं है। सबसे ज्यादा लक्ष्य पनागर विधानसभा के लिए रखा गया है। पाटन, बरगी और सिहोरा विधानसभा क्षेत्र में भी आठ-आठ हजार मतदाता खोजे जा रहे हैं। स्कूल और कॉलेज के अलावा आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के माध्यम से भी नाम जुटाए जा रहे हैं।
किसी भी विधानसभा में सात हजार से कम लक्ष्य नहीं है। सबसे ज्यादा लक्ष्य पनागर विधानसभा के लिए रखा गया है। पाटन, बरगी और सिहोरा विधानसभा क्षेत्र में भी आठ-आठ हजार मतदाता खोजे जा रहे हैं। स्कूल और कॉलेज के अलावा आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के माध्यम से भी नाम जुटाए जा रहे हैं।