पुलिस के अनुसार बरेला क्षेत्र के कटियाघाट निवासी सुलोचना को सुबह सात बजे एल्गिन अस्पताल लाया गया था। सुबह 11 बजे उसने एक बेटे को जन्म दिया। इसके बाद मां-बेटे को डिलेवरी रूम से बच्चा वार्ड क्रमांक-दो के बेड नम्बर एक पर शिफ्ट कर दिया गया। सुलोचना के साथ उसके पड़ोस में रहने वाली पार्वती भी थी। दोपहर दो बजे के लगभग पीली साड़ी में 30 वर्षीय एक महिला आयी। वह सुलोचना के पास पांच मिनट तक रुक कर बात करती रही इसके बाद ये कहकर निकल गयी कि उसके रिश्तेदार नहीं दिख रहे हैं। इसके बाद वह चली गई। इधर, सुलोचना ने पार्वती को चाय लेने भेज दिया। कुछ देर के लिए बेटे को बेड पर सुलाकर बाहर बरामदे तक गयी।
पलक झपकते हीं नवजात को चुराकर भागी-
तभी पीली साड़ी वाली उक्त महिला फिर से आयी। उसने बेड पर सो रहे नवजात को उठाया और निकल गयी। सुलोचना वापस लौटी और बेड पर बेटे को न पाकर परेशान हो गयी। बेड नम्बर दो के मरीज के साथ मौजूद रेशमा रजक ने बताया कि पीली साड़ी वाली महिला उसके बेटे को लेकर निकली है। वह दौड़ती हुई गेट तक गयी। वहां मौजूद महिला सुरक्षा गार्ड ने बताया कि कुछ महिलाएं नवजात के साथ निकली हैं। बाहर गेट पर मौजूद स्टैंड संचालक द्वारा बताया गया कि एक सफेद शर्ट पहने युवक और महिला एक नवजात को लेकर बाइक से पुल नम्बर एक की ओर निकले हैं। इस सूचना पर पुलिस ने चारों तरफ नाकेबंदी की, लेकिन नवजात का कोई पता नहीं चला।
अस्पताल का बंद मिला सीसीटीवी
एल्गिन अस्पताल में चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पुलिस अधीक्षक डॉ. निशा साहू के कमरे में लगे सीसीटीवी मॉनीटर को देखने पहुंची तो पता चला कि 18 मार्च की सुबह 9.57 बजे से सीसीटीवी बंद था। ये साजिश है या फिर तकनीकी खामी, पुलिस इसका भी पता लगाने में जुटी है।
तो बच्चा चोरी करने वाला गैंग
सुलोचना के बगल वाले बेड पर मौजूद मरीज के साथ मौजूद महिला रेशमी रजक ने बताया कि नवजात को चुराने वाली महिला के साथ गेट पर तीन-चार अन्य महिलाएं भी थीं। इससे साफ है कि यह पेशेवर बच्चा चोरी करने वाला गैंग है।
वार्ड में नहीं थी नर्स-
नवजात को चुराने के लिए टाइमिंग भी जानबूझ कर चुनी गई थी। दोपहर का दो बजे शिफ्ट चेंज का होता है। उसी समय नवजात को चुराया गया। उस समय वार्ड में कोई स्टाफ नर्स नहीं थी।
दो बेटियों के बाद हुआ था बेटा
सुलोचना का पति राधेश्याम मजदूरी करता है। दो बेटियों के बाद बेटा पैदा हुआ था। बेटा चोरी होने के बाद से ही वह गुमसुम सी हो गयी है। सीएसपी शशिकांत शुक्ला ने बताया कि नवजात के अपहरण का मामला दर्ज कर जांच में लिया गया है।
मेडिकल से भी बच्चा हो चुका है चोरी
इससे पहले मेडिकल से भी 2015 में एक बच्चा चोरी हो गया था। इसका प्रकरण गढ़ा में दर्ज हुआ था। आज तक ये बच्चा नहीं मिला।