डीजे वाले बाबू तेरी खैर नहीं
सड़क पर कार या बस के इंजन की आवाज ज्यादा होने से राहगीर घबरा जाते हैं। डीजे के साउंड से दिल दहल उठता है। अचानक तेज आवाज वाला पटाखा चले, तो दिल की बीमारी से पीडि़त लोग असहज महसूस करने लगते हैं। ऐसा करने वालों को किसी की परवाह नहीं होती। लेकिन, अब उन पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश पर ध्वनि प्रदूषण के हिसाब से शहर को चार जोन में बांटने का काम शुरू हो गया है। सभी जोन में ध्वनि की मात्रा तय है, इससे ज्यादा पर कानूनी कार्रवाई से लेकर जुर्माना लगाने की योजना बन रही है। प्रदेश में जबलपुर की स्थिति भी ध्वनि प्रदूषण के मामले में चिंताजनक हो गई है। इसे कम करने के लिए एनजीटी ने आठ बिन्दु की कार्ययोजना तैयार करने के लिए कहा है।
इस कार्य के क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग के लिए एडीशनल एसपी टै्रफिक अमृत मीणा को नोडल अधिकारी भी बनाया गया है। एक अंतर विभागीय कमेटी का गठन भी जिले में कर लिया गया है। इसमें अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, एएसपी टै्रफिक अमृत मीणा और नगर निगम के अपर आयुक्त टीएस कुमरे को शामिल किया गया है। यही कमेटी शहर में चारों जोन का निर्धारण करेगी। वहीं दूसरी कमेटी पहली टीम की योजना पर अमल किस तरह हो रहा है, उस पर नजर रखेगी। इसमें पहले तीन नामों के अलावा आरटीओ, टीएनसीपी के संयुक्त संचालक एवं मप्र प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को शामिल किया है।
ये काम करेगी कमेटी
कमेटी क्षेत्रों का निर्धारण करेंगी। स्टाफ को कार्रवाई का प्रशिक्षण। साउंड लेवल मीटर से ध्वनि की जांच। सूचना पटल पर ध्वनि प्रदूषण का स्तर।
ये आवासीय क्षेत्र
कोतवाली, बड़ा फुहारा, लार्डगंज, गोलबाजार, राइट टाउन, मदन महल, रानीताल, दमोहनाका, हनुमानताल, भानतलैया, घमापुर, ओमती, भरतीपुर, सिविल ल्ड्डााइन, गढ़ा, बल्देवबाग, बेलबाग, गंजीपुरा, ग्वारीघाट, नयागांव, सगड़ा, कुंगवा, अंधुवा, बसहा, लमती, करमेता, रिमझा, अमखेरा, गोहलपुर, खुरदा, महाराजपुर, खैरी, बैतला, बिलपुरा, मानेगांव, कजरवारा, बिलहरी, भटौली, गोरखपुर, महेशपुर, बदनपुर, महानद्दा, आमनपुर, रानीपुर, लक्ष्मीपुर, महगवां, भड़पुरा, रांझी, खजरी।