आने वाले समय में रेल इंजन का संचालन बिजली के विकल्प में बैटरी आधारित भी सम्भव हो सकेगा। पश्चिम मध्य रेलवे जोन जबलपुर ने कुछ ऐसा प्रयास किया है। जबलपुर मंडल में बैटरी से चलने वाले ड्यूल मोड शंटिंग लोको ‘नवदूत’ बनाया है। इसका परीक्षण जबलपुर मंडल की स्टेशनों में पिछले कुछ समय से किया जा रहा है। इस पर यह पूरी तरह खरा उतरा है। लाखों लीटर डीजल और बिजली की बचत कर चुका है। अब रेल मंडल के सभी स्टॉफ को ट्रेनिंग की शुरुआत की जा रही है।
इस बैटरी की खासियत जानेंकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि रेल इंजन को चलाने के लिए इतनी पॉवरफुल बेटरी की जरूरत होती है। इस बैटरी का मॉडल 23014 है इसमें 84 बैटरी इनबिल्ट हैं जो इंजन को 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चला सकती है, साथ ही 400 टन वजन खींचने की क्षमता भी बैटरी चलित इंजन में होती है। वही अगर इस इंजन की डीजल की खपत पर नजर डालें तो इसमें 1000 लीटर डीजल एक दिन में खपत हो जाती है। यह 40 लीटर डीजल प्रति घंटे शंटिंग में खपत करता है। जवकि इंजन के खड़े रहने पर 20 लीटर डीजल खपत करता है।
कई लाइन में विद्युतीकरण नहीं
कई लाइनों में अभी विद्युतीकरण नहीं हो सका है। जहां सिंगल लाइन बची हैं वहां डीजल इंजन ही चलाया जा सकता है। उससे करंट फैलने का खतरा भी बना रहता है। ऐसे में बैटरी आधारित इंजन मील का पत्थर साबित हो सकता है। पमरे जबलपुर मंडल के डीसीएम सुनील श्रीवास्तव कहते हैं कि बिजली गुल रहने पर भी इसका उपयोग किया जा सकेगा, तो वहीं ग्रीन एनर्जी की दिशा में प्रयोग है।