प्रोफेसर भर्ती में 14 फीसदी से अधिक न हो ओबीसी आरक्षण
ग्वालियर विवि को हाइकोर्ट का निर्देश, राज्य सरकार व प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा सहित अन्य को नोटिस
जबलपुर. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्तिमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 14 फीसदी से अधिक आरक्षण न दिया जाए। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, कुलपति व कुलसचिव जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया। छह सप्ताह का समय दिया गया।
ग्वालियर निवासी डॉ. राममोहन सिंह भदौरिया की ओर से अधिवकता बृंदावन तिवारी ने कोर्ट को बताया कि जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर ने चार फरवरी, 2021 को तीन पदों प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर की भर्ती का विज्ञापन निकाला। भर्ती प्रक्रिया में ओबीसी आरक्षण प्रतिशत 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी से ऊपर कर दिया गया। इस वजह से अन्य वर्ग के आवेदकों का हक मारा जा रहा है। ओबीसी आरक्षण का मामला हाईकोर्ट में पहले से विचाराधीन है और हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश के जरिए 14 फीसदी से अधिक ओबीसी आरक्षण पर रोक बरकरार रखी है। ऐसे में जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर ओबीसी आरक्षण बढ़ा नहीं सकता। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से अधिक न करने का अंतरिम आदेश देकर अनावेदकों से जवाब मांगा।
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