जल संवर्धन के लिए शहरभर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित करने पूर्व में प्रदेश सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन स्वीकृति नहीं दी गई। इस दिशा में फिर से प्रयासरत हैं जिससे की जल संवर्धन की दिशा में वृहद स्तर पर काम किया जा सके।
स्वाति गोडबोले, महापौर
जल संवर्धन के नाम पर सिर्फ पत्र भेजे जा रहे
जबलपुर•Jun 09, 2019 / 01:27 am•
shyam bihari
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निगम के खाते में जल संवर्धन के लिए जमा राशि
-05 करोड़ 2 लाख 20 हजार
सात साल में जल संवर्धन के लिए सोखपिट बने
-30 घरों में
-2 लाख 22 हजार रुपए वापस
वर्षवार निगम के खाते में जमा राशि (जल संवर्धन के लिए)
-वर्ष, प्रकरणों की संख्या, जमा राशि, प्रकरण, जल शोधन संयंत्र बनाने पर वापस राशि
-2013-14, 638, 49 लाख 48 हजार, 7, 61 हजार,
-2014-15, 550, 59 लाख, 10 हजार, 5, 50 हजार,
-2015-16,417,45 लाख 93 हजार, 2,20 हजार,
-2016-17,363,41 लाख,7 , 61 हजार,
-2017-18, 521,58 लाख 22 हजार,4, 44 हजार,
-2018-19, 473,50 लाख 48 हजार, 3, 27 हजार
भूगर्भीय जल का जमकर दोहन कर रहा है निगम प्रशासन
-700 टयूबवेल संचालित
-08 हाईडेंट से जलापूर्ति
-36 टैंकर 8 से 10 फे रे लगा रहे हैं रोज
-4500 लीटर का है प्रत्येक टैंकर
जबलपुर। हर साल बारिश के दिनों में अमृत समान पानी को सहेजने का कोई प्रयास नहीं किया जाता है। भीषण गर्मी ने शहरवासियों को बेहाल कर रखा है। जलस्रोत सूख रहे हैं, भूजल स्तर गिर रहा है, ऐसे में भूजल संवर्धन को लेकर शहर में चर्चा फिर आम हो गई है। दरअसल जबलपुर में वाटर हार्वेस्टिंग नगर निगम और राज्य सरकार के बीच उलझ गई है। नगर निगम ने जल संवर्धन के नाम पर प्रदेश सरकार को पत्राचार से इतर अब तक कोई प्रयास नहीं किया है। दो साल पहले पत्र लिखकर अनुमति मांगी गई थी कि निगम के पास जल संवर्धन के मद में जमा राशि को राजसात कर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित करने की अनुमति दी जाए। इसके बाद निगम की ओर से कोई प्रयास नहीं किया गया।
पक्के हुए नाले-नाली-फु टपाथ
जानकारों के अनुसार शहर के नाले, नाली, फु टपाथ पक्के कर दिए जाने के बाद जमीन के पानी सोखने की संभावना ज्यादा नहीं रह गई। नतीजतन बारिश का ज्यादातर पानी बहकर निकल जाता है। इसके बावजूद जल संवर्धन के लिए प्रयास नगण्य हैं।
जल संवर्धन के लिए संस्था स्तर पर हों प्रयास
-800 शासकीय स्कूल भवन
-250 निजी स्कूल भवन
-15 शासकीय कॉलेज भवन
-6 विश्वविद्यालय भवन
-60 निजी कॉलेज भवन
-130 से ज्यादा टाउनशिप
-90 से ज्यादा प्रमुख शासकीय कार्यालय भवन परिसर
जल संवर्धन की व्यवस्था न करने पर ये प्रावधान
भवन निर्माण का क्षेत्र, जमा करने निर्धारित राशि
-140 से 200 वर्गफीट, 7 हजार
-201 से 300 वर्गफीट, 10 हजार
-301 से 400 वर्गफीट, 12 हजार
-401 वर्गफीट से अधिक, 15 हजार
जल संवर्धन के लिए शहरभर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित करने पूर्व में प्रदेश सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन स्वीकृति नहीं दी गई। इस दिशा में फिर से प्रयासरत हैं जिससे की जल संवर्धन की दिशा में वृहद स्तर पर काम किया जा सके।
स्वाति गोडबोले, महापौर