मंत्रिमंडल विस्तार में जबलपुर सहित महोकोशल की उपेक्षा पर विपक्ष ने खोला मोर्चा
जबलपुर•Jan 07, 2021 / 10:52 pm•
shyam bihari
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जबलपुर। मप्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में महाकोशल की उपेक्षा पर पूर्व मंत्री अजय विश्नोई का असंतोष सामने आने के बाद जबलपुर में विपक्ष के नेता भी इसे मुद्दा बनाने लगे हैं। विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहित जनप्रतिनिधियों की ओर से सोशल मीडिया पर जमकर नाराजगी जताई जा रही है। जानकारों का मानना है कि यह उपेक्षा निकाय चुनाव में भी एक मुद्दा बन सकता है। वहीं महाकोशल अंचल के सत्ता पक्ष के नेताओं के लिए असहज स्थिति निर्मित हो गई है। मंत्रिमंडल विस्तार में लम्बे समय बाद यह मौका है जब महाकोशल व जबलपुर के खाते में एक राज्य मंत्री का पद भी नहीं आया। जबकि कांग्रेस की डेढ़ वर्ष की सरकार के कार्यकाल में जबलपुर से ही दो केबिनेट मंत्री रहे। सूत्र बताते हैं कि सत्ता पक्ष के कद्दावर जनप्रतिनिधि पार्टी फोरम में इस मामले में खुलकर नाराजगी जताई है और उन्होंने बड़े नेताओं से सवाल भी किया है कि वे समर्थकों के साथ ही आम जनता को क्या जवाब दें।
संगठन में पद देने की कवायद
सूत्र बताते हैं कि मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने के बाद भाजपा प्रदेश संगठन में महाकोशल के प्रमुख नेताओं को पद देकर साधने की कोशिश करके नाराजगी दूर करने की कोशिश की जाएगी। महाकोशल की उपेक्षा से सामाजिक संगठनों में भी नाराजगी है। टिम्बर मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश परमार ने इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा है। पूर्व मंत्री तरुण भनोत का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार से साफ जाहिर हो गया है कि सरकार को जबलपुर-महाकोशल के विकास से कोई सरोकार नहीं है। कांग्रेस सरकार के समय जो भी घोषणाएं हुई थी उनको अब आगें नहीं बढय़ा जा रहा है। जबलपुर में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई थी। विकास कार्यो के भूमिपूजन हुए। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के जो प्रस्ताव थे। महाकोशल व जबलपुर के प्रति भाजपा की करनी व कथनी में अंतर साफ दिख रहा है।
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