ऑक्सीजन का संकट हुआ कम अब उद्योगों का नहीं फूलेगा दम
जिले में अभी प्रतिदिन 2 हजार से 22 सौ सिलेंडर की आपूर्ति हो रही है। आवश्यकता भी तकरीबन इतनी ही है। रिछाई में निजी उत्पादक इकाई के एयर सेपरेशन प्लांट से प्रतिदिन 700 से 800 सिलेंडर की सप्लाई हो रही है। बांकी रिफिलिंग सेंटर के लिए दो-तीन दिन के अंतराल में भोपाल, भिलाई और नागपुर से करीब तीन हजार किलोलीटर लिक्विड ऑक्सीजन आ रही है। इतनी क्षमता के कैप्सूल से 1200 से 1400 सिलेंडर ऑक्सीजन तैयार कर सप्लाई की जा रही है।
मेडिकल अस्पताल में बन रहा दो हजार सिलेंडर की क्षमता का टैंक
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 2 हजार सिलेंडर की क्षमता का ऑक्सीजन टैंक लगाने का काम तेज हो गया है। मेडिकल अस्पताल को प्रतिदिन 500 से 600 सिलेंडर की जरूरत होती है। टैंक बनने के बाद तीन से चार दिन ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी। ऐसे में रिछाई स्थित सेपरेशन एंड रिफिलिंग प्लांट से इंडस्ट्री के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई करना सम्भव होगा। बताया गया कि जिन इंडस्ट्रीज में ऑक्सीजन के जरिए उत्पादन होता है, वे पूरी तरह बंद हो गए हैं। इसलिए उनकी निगाहें उद्योग विभाग पर जमी हैं।
अस्पतालों की मांग प्रभावित नहीं हो रहे, इसे ध्यान में रखते हुए शासन ने 10 फीसदी ऑक्सीजन उद्योगों को देने का प्रावधान किया है। जबलपुर की मांग की समीक्षा की जाएगी। कलेक्टर से अनुमति मिलने के बाद उद्योगों को ऑक्सीजन की सप्लाई की जा सकेगी। अभी पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन आ रही है। मांग में थोड़ी कमी के संकेत भी मिले हैं।
– देवब्रत मिश्रा, महाप्रबंधक, जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र