इससे पहले शुक्रवार शाम को क्षेत्र में कुनबे के साथ तेंदुए की मौजूदगी के दावे और नर तेंदुआ के पग मार्क के आधार पर बरसाती नाले के पास पिंजरा लगाया गया था। वन विभाग ने तेंदुए को पकडऩे के लिए पिंजरे में बकरी का बच्चा भी रखा था, लेकिन पूरी रात गुजरने और बकरी के बच्चे की आवाज सुनकर भी तेंदुआ पिंजरे के अंदर नहीं आया। अब वन विभाग तेंदुआ को पकडऩे के लिए पांच पिंजरे रखने की तैयारी कर रहा है। शनिवार को पूरे दिन क्षेत्र की गश्त करने के बाद अधिकारियों ने तेंदुआ की सक्रियता वाले क्षेत्र का जायजा लिया। पिंजरा रखने के लिए जगह का निरीक्षण किया। कान्हा से मंगाया गया विशेष पिंजरा भी शनिवार तक नयागांव नहीं पहुंचा।
250 एकड़ से ज्यादा है क्षेत्रफल
नयागांव सोसायटी के पीछे करीब ढाई सौ से ज्यादा एकड़ जमीन पर चट्टान और जंगल है। वन्य प्राणी विशेषज्ञों के अनुसार यह इलाका तेंदुआ के रहने के अनुकूल है। एक मादा तेंदुआ को दो शावक के साथ देखे जाने और एक नर तेंदुआ के पग मार्क मिलने के बाद क्षेत्र में तेंदुआ की संख्या और ज्यादा होने की सम्भावना जताई जा रही है। वहीं, तेंदुआ पकड़ में नहीं आने से स्थानीय लोगों में डर और दहशत का माहौल है। सोसायटी के लोग एहतियातान अंधेरा होने के बाद अकेले बाहर नहीं निकल रहे हैं।