कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में बिस्तरों के लिए मची मारामारी के बाद अब मौसमी बीमारियां फैलने से हालात बिगड़ गए हैं। मेडिकल, विक्टोरिया के अलावा प्रमुख निजी अस्पताल में नए मरीजों के लिए बिस्तर नहीं हैं। सरकारी अस्पतालों में मरीज फर्श पर भती हैं। डॉक्टर्स की निजी क्लीनिक में भी मरीजों की कतार लग रही है। अस्पतालों की ओपीडी में पर्ची बनवाने में भीड़ के बीच धक्का-मुक्की की नौबत बन रही है। अस्पतालों में व्यवस्थाएं भी लडखड़़ा रही हैं।
गांवों से भी आ रहे मरीज
मौसम बदलने के साथ सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में दर्द, सिरदर्द, शरीर में दर्द, तेज बुखार हो रहा है। वायरल बुखार तेजी से फैल रहा है। जांच में डेंगू के मरीज भी मिल रहे हैं। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से उल्टी-दस्त और बुखार के मरीज भी बड़ी संख्या में आ रहे हैं। टायफाइयड के केस भी मिल रहे हैं।