जनहित याचिका दायर की थी
हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों को 7 वें वेतनमान के अनुसार पुनरीक्षित पेंशन नहीं देने के मसले पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका दायर की थी। अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट की ओर से रिटायर्ड जजों की पेंशन के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी कर प्रकरण नियंत्रक और महालेखा परीक्षक को भेज दिए गए हैं। वर्तमान में रिटायर्ड जज यूएल भट्ट के पेंशन प्रकरण पर कार्रवाई चल रही है। बाकी प्रकरणों पर भी जल्द कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने जजों की सेवानिवृत्ति के पहले ही पेंशन के दस्तावेज तैयार करने के निर्देश दिए
कम्प्यूटराइज्ड चेक पोस्ट स्थापित करने निर्देश
हाईकोर्ट ने राज्य की सड़क सीमा पर स्थित परिवहन विभाग के कर्मचारियों के अधीन संचालित चेक पोस्ट बंद करने व कम्प्यूटराइज्ड चेक पोस्ट स्थापित करने के आदेश स्थगित कर दिए हैं। जस्टिस आरएस झा व जस्टिस संजय द्विवेदी की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई एक अन्य याचिका के साथ करने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई ३ अक्टूबर को होगी। बरघाट रोड, डूंडासिवनी, जिला सिवनी के निवासी अधिवक्ता रवींद्रनाथ त्रिपाठी ने जनहित याचिका दायर कहा कि परिवहन विभाग प्रमुख सचिव ने 12 सितंबर 2107 को परिवहन आयुक्त को आदेश जारी किया। इसमें राज्य की सड़क सीमा पर स्थित सभी मानवचलित चेक पोस्ट बंद करने को कहा गया। परिपालन में 13 सितंबर 2017 को आयुक्त ने आदेश देकर कहा कि प्रदेश की सीमा पर अलग-अलग जांच के लिए बनाए गए सभी मानवचलित चेक पोस्ट बंद किए जाएं। इनकी जगह एमपीआरडीसी द्वारा संचालित एक कम्प्यूटरीकृत चेक पोस्ट होगा। इसमें परिवहन विभाग के कर्मी कार्य नहीं रहेंगे।
याचिकाकर्ता ने पक्ष स्वयं प्रस्तुत करते हुए कोर्ट को बताया कि यह मोटर व्हीकल एक्ट की धारा १९ का उल्लंघन है। एक्ट में प्रावधान है कि वाहनों की ओवरलोडिंग, रजिस्ट्रेशन, बीमा, फिटनेस, परमिट चेक करने का अधिकार परिवहन विभाग के कर्मी ही कर सकते हैं। कम्प्यूटर के जरिए उक्त सभी परीक्षण समुचित व विधिसम्मत तरीके से नहीं हो पाएंगे। उन्होंने परिवहन आयुक्त के उक्त आदेश को निरस्त करने की मांग की।