जबलपुर। कई साल के इंतजार के बाद जबलपुर में फ्लाईओवर बनना शुरू हुआ तो जबलपुर शहर के लोग शानदार इंजीनियरिंग देखकर ठिठक जाते हैं। यह फ्लाईओवर शहरवासियों को तो यातायात की समस्या से तो निजात दिलाएगा ही, आधुनिक इंजीनियरिंग का नायाब नमूना भी पेश करेगा। रानीताल क्षेत्र में बो स्टे ब्रिज आकर्षक स्वरूप देगा। मदन महल स्टेशन पर बनने वाला केबल स्टे ब्रिज प्रदेश में सबसे बड़ा होगा। फ्लाईओवर में बनने वाली रोटरी भी खास होगी। फ्लाईओवर में कुछ स्ट्रक्चर सेग्मेंटल कांक्रीट का बनेगा। इससे ब्रिज को मजबूती मिलेगी। आकर्षक स्वरूप भी मिलेगा। विशेषज्ञों के अनुसार ये फ्लाईओवर पचास साल की जरूरतें पूरी करेगा। फ्लाईओवर निर्माण कार्य में जुटे तकनीकी विशेषज्ञों ने बताया कि अब तक दमोहनाका से मदन महल चौक के बीच एक सौ बीस स्थान पर स्वाइल टेस्टिंग की गई है। हाईटेक ड्रिल मशीन से सौ फीट की गहराई तक ड्रिलिंग कर स्वाइल टेस्टिंग की गई है।
पीडब्लूडी की टीम की निगरानी में एनसीसी कं पनी फ्लाईओवर का निर्माण कर रही है। फ्लाईओवर तैयार होने में तीन साल लगेंगे। इसके लिए रूट के भवन, केबल, पोल की शिफ्टिंग का काम जल्दी ही शुरू होना है। इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो गया है। रूट से पानी की राइजिंग व सप्लाई लाइन की भी शिफ्टिंग की जानी है। ऊपर फ्लाईओवर होगा तो नीचे भी उतनी ही चौड़ी सड़क मिलेगी। ताकि, यातायात सुचारु रूप से संचालित हो सके। इसके साथ ही सहायक सड़कों से फ्लाईओवर में आवाजाही के लिए साइड ब्रांच भी होंगी। गोल बाजार, रानीताल से गढ़ा मार्ग, महानद्दा मार्ग पर भी साइड ब्रांच होगी। पीडब्लूडी के कार्यपालन यंत्री गोपाल गुप्ता ने बताया कि दमोहनाका-मदन महल फ्लाईओवर में आकर्षक बो स्टे ब्रिज, केबल स्टे ब्रिज खास होंगे। इसके साथ फ्लाईओवर पर रोटरी प्रदेश में पहली बार बनाई जाएगी। फ्लाईओवर मेंं मजबूती के साथ आधुनिक इंजीनियरिंग भी देखने मिलेगी।