scriptpitru paksha 2022: यहां महिलाओं के हाथों से तृप्त होते हैं पितृ, कर रही पिंडदान, श्राद्ध | pitru paksha 2022: pind daan and shradh done by women in narmada | Patrika News
जबलपुर

pitru paksha 2022: यहां महिलाओं के हाथों से तृप्त होते हैं पितृ, कर रही पिंडदान, श्राद्ध

यहां महिलाओं के हाथों से तृप्त होते हैं पितृ, कर रही पिंडदान, श्राद्ध
 

जबलपुरSep 13, 2022 / 01:54 pm

Lalit kostha

shradh paksha

pitru paksha 2022

जबलपुर। पंद्रह दिवसीय पितरों के तर्पण का मंगलवार को चौथा दिन रहा। चतुर्थी के श्राद्ध पर सूर्योदय से सूर्यास्त तक श्रद्धालुओं का तांता नर्मदा तटों पर लगा रहा। ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, सरस्वती घाट, लम्हेटाघाट समेत इंद्र गयाजी कुंड में लोग अपने पूर्वजों, पितरों व ज्ञान अज्ञात रिश्तेदारों का पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध करने पहुंच रहे हैं। इनमें पुरुषों व युवाओं के साथ महिलाएं भी तर्पण कार्य करने पहुंच रही हैं। जो कि लोगों के बीच चर्चा का विषय भी बनी हुई हैं। अकेले ग्वारीघाट में बड़ी संख्या में महिलाएं श्राद्ध कर्म करते देखी जा सकती हैं।

तीर्थ पुरोहित अभिषेक मिश्रा ने बताया कि पिछले कुछ सालों में पितरों के तर्पण आदि श्राद्धकर्म में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। वैसे तो ये कार्य घर के पुरुषों व बच्चों को करना होता है, लेकिन विशेष परिस्थियों में पितरों के मोक्ष के लिए महिलाएं भी कर सकती हैं। इसके अलावा कुछ घरों परिवारों में दशकों से ये परंपरा रही है कि पुरुषों के साथ महिलाएं भी जोड़े से बैठकर पितरों का तर्पण करती चली आ रही हैं।

दो प्रमुख वजह हैं
अभिषेक मिश्रा ने बताया कि महिलाएं दो कारणों से तर्पण या पितरों का श्राद्ध करती हैं। इनमें पहला कारण है कि उनके परिवार में यदि कोई पुरुष नहीं है तो वे अपने पूर्वजों, पितरों का तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध आदि कर सकती हैं। इसी तरह दूसरा कारण है कि उनके परिवार के पुरुष या बच्चे कोई भी श्राद्ध कर्म नहीं कर रहा है या करना नहीं चाहता है तो उस घर की महिला को अधिकार है कि वह अपने पितरों का तर्पण कर उन्हें मोक्ष गति प्रदान करने में सहयोग करे। इन्हीं भावनाओं के साथ नर्मदा तटों पर महिलाएं तर्पण आदि करने पहुंच रही हैं।

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