रेलवे कॉलोनी जबलपुर निवासी राधा गुप्ता ने परिवाद दायर कर कहा कि 15 फरवरी 2011 को उप पंजीयक कार्यालय, जबलपुर में एक अनुबंध पत्र पंजीकृत कराया गया । इसके तहत संयुक्त उपक्रम स्थापित किया गया। भूमि स्वामी प्रेम बाई ने अपनी ओर से ग्राउंड वक्र्स को पॉवर ऑफ एटॉर्नी दी। कॉलोनी का विकास कार्य करने व पूर्ण क्षमता के साथ समस्त अधिकार दिए।
25 फरवरी 2012 को आवेदक राधा गुप्ता ने नौ लाख 25 हजार रुपए ग्राउंड वक्र्स पार्टनर्स को अदा कर दिए। इसके बावजूद ना तो प्लॉट का विकास किया गया, ना ही परिवादी के पक्ष में रजिस्ट्री की गई। आग्रह किया गया कि अनुबंध के अनुसार इसके लिए अनावेदक को 12 लाख 84 हजार रुपए लौटाना चाहिए। परिवादी ने हर्जाना दिलाने का भी आग्रह किया। फोरम ने सेवा में कमी पाते हुए अनावेदक ग्राउंड वक्र्स पार्टनर्स के दोनों साझेदारों को ली गई रकम व हर्जाना चुकाने का आदेश दिया।