दो साल में नगर निगम ने जयपुर शहर के लिए क्या खास किया है?
महापौर – जब शहर की जनता ने कांग्रेस को हराकर भाजपा को नगर निगम की कमान सौंपी थी, उस समय हालात बहुत खराब थे। एक साल तक ऐसी स्थिति रही कि नगर निगम की योजनाओं और ठेके कार्य संबंधी विज्ञापन ही नहीं छप पाए थे। ऐसे में नगर निगम के सामने सफाई कार्य के ठेके देने सहित दूसरे कामों में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कांग्रेस की बदइंतजामियों को सही करने में डेढ़ साल का वक्त लग गया। अब हमारा काम नजर आने लगा है।
भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं क्या कहेंगे?
महापौर – जब महापौर बना तो देखा कि नगर निगम में हर स्तर पर करप्शन हो रहा है। इसे रोकने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। निगम के कचरा परिवहन वाहनों में ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाया गया है, इससे धांधली रोकने में मदद मिली है। इसी तरह ई-टेंडरिंग शुरू की गई है, जिससे टेंडर पारदर्शी तरीके से हो रहे हैं। सफाई ठेका कर्मचारियों को बैंक खातों या चैक के माध्यम से भुगतान की व्यवस्था लागू की गई है। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
– हिंगोनिया गोशाला मामले में गायों की मौत पर आप पर सवाल उठे थे, कहीं आपकी कोई कमी या चूक रही।
महापौर – वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद घटना थी। नगर निगम की व्यवस्था थी, जिसके मुताबिक जिम्मेदार लोगों को वहां की व्यवस्थाओं को देखना था। इसके बावजूद कुछ कमियां रही होंगी, तभी हालात बिगड़े। अब वहां पर सबकुछ ठीक है और गायों की देखभाल सुरक्षित हाथों में दे दी गई है।
– आपके पार्षद वार्डों में विकास कार्य नहीं होने से नाराज हैं?
महापौर – हो सकता है पार्षदों को विकास कार्य संबंधी शिकायत रही हो। अब वार्डों में विकास के काम हो रहे हैं। कांग्रेस बोर्ड ने 2014 में 77 करोड़ के विकास कार्य करवाए थे। हमने एक साल में 235 करोड़ की योजना बनाई है। चारदीवारी इलाके में नई सीवरेज लाइन बनवा रहे हैं। पैन सिटी के तहत शहर के बाहरी इलाकों में करोड़ों के काम होने है। नगर निगम की सक्रिय भागीदारी के कारण ही स्मार्ट सिटी के लिए जयपुर का चयन तीसरे स्थान पर हुआ। विकास का रोडमैप और फाउंडेशन तैयार हो गया है, आने वाले वक्त में हमारे काम नजर आने लगेंगे।
– पार्षद कहते हैं अधिकारियों पर आपका कंट्रोल नहीं है?
महापौर – पार्षद जनता के प्रतिनिधि हैं और उनका पूरा सम्मान होना चाहिए, ऐसा नहीं है कि उनकी सुनी नहीं जा रही। अब पार्षदों की मांगों और समस्याओं को अधिकारी गंभीरता से लेंगे ये सुनिश्चित किया जाएगा। सबको साथ लेकर चलने से ही जयपुर का विकास हो पाएगा और शहर स्मार्ट सिटी बनेगा।
सफाई व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं क्या कहेंगे?
महापौर – स्वच्छ भारत मिशन के तहत निगम में बड़े पैमाने पर काम हुआ है। सफाई के लिए संसाधनों की बढ़ोतरी की गई है और शहर की सड़कें, बाजार और गली-मोहल्ले साफ-सुथरे रहें इसके लिए योजनाबद्ध ढंग से काम चल रहा है।
शेष कार्यकाल में शहर के लिए क्या सोचा है?
महापौर – जयपुर स्मार्ट सिटी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। नगर निगम शहर को ग्रीन-क्लीन-स्मार्ट सिटी बनाने में अपनी भूमिका निभाएगा। नगर निगम के जिम्मे जो भी काम हैं, वो पूरी क्षमता और ईमानदरी से किए जाएंगे। लोगों को बदलाव साफ तौर पर महसूस हो, ये हमारी कोशिश रहेगी।