हर थाने में अपराधियों की गिरफ्तारी के चिन्हित है ‘अड्डे’
जबलपुर•Jan 22, 2019 / 12:50 am•
santosh singh
Police could not curb heinous crimes
जबलपुर. इसे पुलिस की मजबूरी मान लें या कानूनी दांव-पेंच की जरूरत। जबलपुर की वो जगहें, जिसे आप घूमने-फिरने या सामान्य आवागमन का आसान रास्ता मानते हैं, दरअसल पुलिस की डायरी में उनमें से कई जगहें बेहद बदनाम हैं। पुलिस की गिरफ्त में आने वाले ज्यादातर चोर, उचक्के, बदमाश, नशेबाज ऐसी ही जगहों पर मौजूद मिलते हैं। ऐसा नहीं है कि ये बदमाश यहां से पकड़े ही जाते हैं, लेकिन उन्हें ऐसे जगहों से ही पकड़ा जाना दिखाना पुलिस की मजबूरी है। जिसके चलते कई महत्वपूर्ण गलियां और चौबारे (चौराहे) पुलिस के अभिलेख में बेहद बदनाम (अपराधिक अड्डा) हैं।
किसी घटना का पर्दाफाश करने की बात हो या फिर हथियार, स्मैक और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी करते आरोपियों के दबोचे जाने की बात हो। पुलिस कई संदिग्धों को उठाती है। कई दिन पूछताछ होती है और तब जाकर नतीजे पर पहुंचती है। जब बदमाशों की गिरफ्तारी दिखाने का वक्त आता है तो लिखा-पढ़ी में किसी ऐसे स्थान का उल्लेख करना पुलिस की मजबूरी होती है, जहां से उनकी गिरफ्तारी कोर्ट में आसानी से साबित भी कर सके। कार्यप्रणाली की इसी विवशता के चलते हर थाने की पुलिस ने अपने इलाके में गिरफ्तारी के लिए कुछ खास स्थान निर्धारित कर रखा है।
यह है पुलिस की मजबूरी
कानूनी नजरिए से देखें तो यह जरूरी है कि किसी बदमाश या किसी मामले के आरोपी को जिस समय और स्थान गिरफ्तार किया जाए वहीं पर तत्काल इसकी लिखा-पढ़ी भी कर ली जाय। साथ ही गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश करने की भी सख्त हिदायत है। व्यवहारिक रूप से पुलिस के लिए ऐसा करना संभव नहीं हो पाता है। एक तो बदमाश उसी थाना क्षेत्र में मौजूद नहीं रहते, जिस थाना क्षेत्र में उन्होंने वारदात अंजाम दिया हो। कई बार दूसरे जिले और प्रदेश के बाहर भी गिरफ्तारी होती है। ऐसे में पुलिस की मजबूरी होती है कि बदमाश को पकडऩे के बाद अपने थाने में ले आना और उसके बाद उसकी लिखा-पढ़ी करना।
थाना क्षेत्रों में अक्सर यहां पकड़े जाते हैं अपराधी-
गोरखपुर-हाऊबाग, कपूर क्रासिंग, कटंगा तिराहा, जलपरी नया गांव
ग्वारीघाट-रेतनाका, झंडा चौक, ग्वारीघाट पुरानी बस्ती
तिलवारा-आइटी पार्क, तिलवारा
गढ़ा-मेडिकल बाइपास, देवताल, मदनमहल पहाड़ी
खमरिया-टाईप-टू, खमरिया पोस्ट ऑफिस, अमझर घाटी
घमापुर-पाटबाबा, कांचघर
अधारताल-महाराजपुर बाईपास, शोभापुर पुल
ओमती-पॉलीटेक्निक, भंवरताल, चौथा पुल, छोटी ओमती
रांझी-गोकलपुर, इस्टेट
विजय नगर-दीनदयाल चौक, अहिंसा चौक, एसबीआई
वर्जन-
अपराधियों की आवाजाही को ध्यान में रखकर हर थाना क्षेत्र में चैकिंग प्वाइंट निर्धारित किया जाता है। कई बार यह तरकीब काम कर जाती है और अपराधी पकड़ लिए जाते हैं।
आरएस कालरा, रिटायर्ड, पुलिस अधिकारी
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