पूर्व में हुई सुनवाई में नर्सिंग काउंसिल की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया था कि ग्वालियर हाईकोर्ट के निर्देश पर हुई जांच के आधार पर ग्वालियर सम्भाग के 70 नर्सिंग कॉलेज अपात्र मिले। उनकी मान्यता समाप्त की गई। उसी प्रकार बाकी जिलों में भी जांच टीम बनाकर जांच की अनुमति कोर्ट से चाही गई थी। इस पर याचिकाकर्ता अधिवक्ता विशाल बघेल की ओर से दस्तावेज पेश कर कोर्ट को बताया गया था कि ग्वालियर सम्भाग में नर्सिंग काउंसिल की जांच टीम ने जिन कॉलेजों को क्लीनचिट दी है, वहां फर्जी फैकल्टी कार्यरत हैं। इन्हें कई कॉलेजों ने एक साथ, एक ही समय पर स्वयं के यहां फैकल्टी दर्शाया है। इस तथ्य को गम्भीरता से लेते हुए गत सुनवाई में जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस द्वारकाधीश बंसल की युगलपीठ ने नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार तथा संचालक चिकित्सा शिक्षा से शपथ पत्र पर जबाब मांगा था। इसके पालन में मंगलवार को राज्य सरकार ने शपथ पत्र पेश किया। याचिकाकर्ता की ओर से इस बात पर आपत्ति जताई गई कि ग्वालियर हाईकोर्ट के निर्देश पर हुई जांच की रिपोर्ट जबाब और शपथ पत्र के साथ पेश नहीं की गई है। इस पर कोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल को उक्त रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करने के लिए एक दिन की मोहलत दी। अगली सुनवाई 17 अगस्त को नियत की गई।