यह है मामला
अनूपपुर जिले के भालूमाडा थानांतर्गत निवासी शीतल कुमार झा ने यह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर कहा कि पांच अगस्त 2018 को उसकी पत्नी अर्चना और छोटे भाई की पत्नी पूजा की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। उसके छोटे भाई निर्मल झा पिता भ्रमरकांत झा (31) को पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया।
पुलिस के अनुसार निर्मल, उसकी पत्नी और भाभी में अक्सर विवाद होता था। चार अगस्त को हुए विवाद और मारपीट के बाद पांच अगस्त की शाम लगभग पांच बजे निर्मल झा ने पत्नी मधु और भाभी अर्चना की दो-दो गोली मारकर हत्या कर दी। 10 अगस्त को अर्चना की मृत्यु के बाद उसकी छह वर्षीय बच्ची शांभवी को अर्चना के पिता सहरसा बिहार निवासी मुन्ना झा याचिकाकर्ता की गैरमौजूदगी में अपने साथ ले गए। अब वे उसे वापस भेजने से इनकार कर रहे हैं। उन्होंने उसे बंधक बना रखा है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने बच्ची की शहडोल कोर्ट में गवाही होने तक उसे शहडोल के बाल सुधार गृह में रखने के निर्देश दिए थे। गवाही के बाद गुरुवार को बालिका को कोर्ट में फिर पेश किया गया।
अतिरिक्त महाधिवक्ता ने दी सलाह
जैसे ही पहले कोर्ट ने बच्ची को पिता के साथ भेजने का आदेश दिया, बच्ची जोरों से चीखने-चिल्लाने और रोने लगी। वह साथ ले जा रहे पुलिस वालों को नोचने काटने लगी। इस पर उप महाधिवक्ता प्रवीण दुबे ने 4.15 बजे कोर्ट से पुनर्विचार का आग्रह किया। बच्ची, उसके पिता, अतिरिक्त महाधिवक्ता शशांक शेखर, उप महाधिवक्ता दुबे, शासकीय अधिवक्ता विवेक रंजन पांडे और बाल-भवन संचालक डॉ. अजय लाल से विचार-विमर्श के बाद कोर्ट ने बच्ची को आगामी सुनवाई तक दमोह स्थित बाल भवन भेजने के निर्देश दिए। बच्ची के पिता को निगरानी में उससे मुलाकात व उसके साथ समय गुजारने की अनुमति दे दी गई। हालांकि कोर्ट ने बच्ची को बाल भवन के बाहर ले जाने की मनाही की।