Railway निजी और निगमीकरण के खिलाफ बुलंद की आवाज
जीएम ऑफिस के बाहर पश्चिम मध्य रेल कर्मचारी परिषद की गेट मीटिंग
जबलपुर, भारतीय रेल के निजीकरण और निगमीकरण की प्रक्रिया को वर्तमान सरकार ने तेज कर दिया है। इसी के विरोध में भारतीय रेल मजदूर संघ के आव्हान पर पश्चिम मध्य रेल कर्मचारी परिषद द्वारा शुक्रवार दोपहर पश्चिम मध्य रेल महाप्रबंधक कार्यालय के बाहर गेट मीटिंग की गई। मीटिंग के बाद दिए गए धरने में प्रदर्शनकारियों ने सरकार की इस मजदूर विरोधी नीति का जमकर विरोध किया। इसके साथ ही पुरानी पेंशन योजना की बहाली, स्कूली शिक्षा के जैसे ही रेल कर्मचारियों के बच्चों की कॉलेज शिक्षा और प्रोफेशनल शिक्षा पर आने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति, मान्यता प्राप्त यूनियनों के पदाधिकारियों की गुंडागर्दी और चंदे की अवैध उगाही बंद करने, टेक्नीशियन 1 को 2800 के स्थान पर 4200 ग्रेड पे प्रदान करने, टकट चेकिंग स्टाफ को रनिंग का दर्जा और सुविधाएं दिए जाने, सामान्य अवकाश भत्ता और राष्ट्रीय अवकाश भत्ता एक दिन के वेतन के बराबर करने, बुकिंग काउंटर पर 62 की रोस्टर प्रणाली लागू करने और ट्रेक मेंटेनर के लिये हर तीन किमी पर शेड की व्यवस्था करने तथा टूलबॉक्स के स्थान पर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने, महिला कर्मचारियों के लिये कार्यस्थल पर पृथक सुविधाएं सुनिश्चित करने समेत अन्य मांगों को उठाया गया। इस दौरान जोनल अध्यक्ष बीआर सिंह, महामंत्री जेपी शुक्ला, बसंत गोरे, गणेश विश्वकर्मा, राजेश गोरिया, अल्पना जैन, अनिता राजपूत, धीरज अग्रवाल समेत अन्य मौजूद रहे।
चौथे दिन भी जारी रही क्रमिक भूख हड़ताल
जबलपुर. वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन की क्रमिक भूख हड़ताल शुक्रवार को चौथे दिन भी जारी रही। यूनियन के मंडल सचिव नवीन लिटोरिया व मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला ने बताया कि यूनियन ने काफी समय से रेल कर्मचारियों की लम्बित मांगों के निराकरण के लिए पमरे के महाप्रबंधक व मंडल रेल प्रबंधक को पत्र लिखकर उसे पूरा करने की मांग की थी। लेकिन, उनका निराकरण नहीं हो सका। यूनियन ने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन उग्र रूप लेगा।
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