विद्युतीकरण में प्रगति
वर्ष 2017-18 में पिपारिया-जबलपुर खंड (178 कि.मी.)
वर्ष 2018-19 में जबलपुर-कटनी, सगमा-मानिकपुर, कटनी- खन्नाबंजारी, विजयपुर-चचैड़ा बीना गंज एवं गुना-बदरवास खंड (296 कि.मी.)
वर्ष 2019-20 में सतना-सगमा, सतना-रीवा, खन्नाबंजारी-मझौली, पाचोर रोड-चाचैड़ा बीनागंज एवं बदरवास-शिवपुरी खंड (357 कि.मी.)
वर्ष 2020-21 में कटनी-सतना, पाचोर रोड-मक्सी, मझौली-मेहदीया, शिवपुरी-ग्वालियर एवं गुर्ला-चंदेरिया खंड (486 कि.मी.)।
ये होगा फायदा
– मालगाडिय़ों की औसत गति 30 किमी. प्रति घंटा थी। औसत गति बढ़कर 56.76 किमी. प्रति घंटा हुई।
– यात्री ट्रेनें पहले 80-100 किमी प्रतिघंटा की गति से चलती थी। यह बढ़कर 130 किमी प्रतिघंटा हुई।
– पहले 33 ट्रेनों में इंजन बदलने पड़ते थे। ये अब नहीं करना पड़ता। इससे ट्रेनों की गति में वृद्धि हुई है।
– इंजन बदलने में लगने वाले समय में कमी आने के कारण ट्रेनों की समय-सारिणी में समय कम हुआ है।
– इलेक्ट्रिक इंजन की रखरखाव लागत कम। इंजन ना बदलने से क्रू की बीट व उनकी उपलब्धता बढ़ेगी।
– विद्युतीकरण होने से रेल परिचालन सुगम। आयात होने वाले डीजल में कमी आएगी। प्रदूषण कम होगा।