जिला उपभोक्ता आयोग का फैसला
जबलपुर•Oct 14, 2021 / 08:03 pm•
prashant gadgil
Murder accused jailed
जबलपुर . जिला उपभोक्ता आयोग ने ट्रेन में आरक्षित सीट अचानक बदले जाने पर गम्भीरता जताई। कोर्ट ने आदेश दिया कि परिवादी को मानसिक क्लेश के लिए 20 हजार रुपए हर्जाना चुकाया जाए। आयोग के अध्यक्ष केके त्रिपाठी और सदस्य योमेश अग्रवाल की कोर्ट ने केस खर्च के दो हजार रुपए भी चुकाने का आदेश दिया। जबलपुर के रांझी निवासी मनोज कुमार यादव की ओर से परिवाद दायर कर कहा गया कि उसने 23 अप्रैल 2018 को अपने परिवार के पांच सदस्यों के लिए गोंदिया एक्सप्रेस से कटनी से बलिया तक की टिकट बुक कराई । उन्हें एस-5 कोच में 65 से 69 नंबर की सीट आवंटित की गई। अधिवक्ता अरुण कुमार जैन, विक्रम जैन ने कोर्ट को बताया कि परिवादी अपने परिजनों के साथ जब यात्रा के लिए पहुंचे तो पता चला कि ट्रेन में एस-5 कोच ही नहीं लगाया गया। ऑनलाइन शिकायत के बाद उन्हें एस-2 और एस-4 कोच में अलग-अलग सीटें आवंटित की गई। इससे उनके परिवाद के सदस्यों की यात्रा पीड़ादायक रही। तर्क दिया गया कि रेलवे ने अचानक सीट बदल दी, उसकी जानकारी परिवादी को नहीं दी। यह सेवा में कमी है। सुनवाई के बाद आयोग ने रेलवे को आदेश दिया कि परिवादी को मानसिक क्लेश के लिए 20 हजार रुपए हर्जाना अदा किया जाए।
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