दीक्षितपुरा निवासी राजाराम बताते हैं कि चेरीताल से दीक्षितपुरा जाने वाली सड़क के मुहाने पर ही यह नाला स्थित है। यहां पर समकोण में सड़क मुड़ती है। जहां संे नाला मुड़ता है, वहां इसकी चौड़ाई और संकरी हो गई है। उनका कहना है कि कचरे व चोक की वजह से यहां बिना बरसात के ही साल में कई बार गंदा पानी नाले से बाहर सड़कों पर आ जाता है। इसके बावजूद नगर निगम महीनों इस नाले की सफाई नहीं कराती।
दीक्षितपुरा क्षेत्र सघन आबादी वाला इलाका है। यहां गलियां संकरी हैं। कई गलियों में नालियां बहुत ही तंग व गंदगी से बजबजा रही हैं। जबकि कई गलियों में तो नालियां ही नदारत हैं। कुछ नालियां लोगों ने अपनी सुविधा के लिहाज से बंद कर रखी हैं। इसके चलते इन गलियों से वर्षाजल की निकासी नहीं हो पाती और जलप्लावन की स्थिति निर्मित होती है।
क्षेत्रीय नागरिक मनीष गुप्ता, केदारनाथ, शशांक साहू, ऋषिकांत, पप्पू यादव, राजेश रजक ने बताया कि बरसात में जनप्लावन के चलते यहां की सड़कों में चार माह पानी भरा रहता है। इसकी वजह से कई लोगों को हर साल पांव में गलन सहित अन्य चर्मरोग भी हो जाते हैं
दस मिनिट पानी गिर जाए तो चेरीताल से दीक्षितपुरा की सड़क पानी से लबालब हो जाती है। बल्देवबाग के पास यह नाला जाम है। इस वजह से भी हर साल बरसात में इसका बैक वाटर सड़क व घरों में घुसता है।
बंटी, क्षेत्रीय नागरिक
हनुमानताल से आने वाले पानी का वेग और तादाद इस नाले की क्षमता के बाहर है। उपर से नगर निगम इसकी सफाई का ध्यान भी नहीं रखती। हमें हर साल इस मुसीबत के साये में ही बरसात गुजारना पड़ता है।
प्रियांश यादव, क्षेत्रीय नागरिक
सफाई कार्य लगातार चल रहा है। इसके बावजूद नाले की तकनीकी खामी के चलते यहां जलप्लावन की स्थिति बनती है। कोशिश की जा रही है कि इस वर्ष एेसा न हो
सुशील शुक्ला, पार्षद डॉ राजेंद्र प्रसाद वार्ड