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जबलपुर

कार्यपरिषद में उठा मेडिकल स्केंडल के आरोपी कर्मियों की बहाली का मामला

रादुविवि कार्यपरिषद बहाली का मुद्दा छाया, विवि नहीं ले सका ठोस निर्णय, 9 सालों बाद भी विभागीय जांच न होने पर सदस्यों ने उठाई आपत्ति

जबलपुरJun 07, 2019 / 11:12 pm

Mayank Kumar Sahu

कार्यपरिषद में उठा मेडिकल स्केंडल के आरोपी कर्मियों की बहाली का मामला

कार्यपरिषद में उठा मेडिकल स्केंडल के आरोपी कर्मियों की बहाली का मामला

जबलपुर।

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद की बैठक शुक्रवार को आयोजित की गई। बैठक में 2011 में बहुचर्चित मेडिकल स्केंडल में आरोपी बने रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी के 4 कर्मचारियों की बहाली का मुद्दा छाया रहा। विवि में इतने साल बाद भी विभागीय जांच शुरू न होने को लेकर सदस्यों ने आपत्ति उठाई। उक्त मामला हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन है। फैसला आने तक इनकी बहाली भी संभव नहीं है। कार्यपरिषद ने भी कोर्ट के फैसले पर अमल करने की बात करते हुए मुद्दा खत्म कर दिया। बैठक में कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र ,कुलसचिव डॉ.कमलेश मिश्र, कार्यपरिषद सदस्य कांति रावत, डॉ.लीला भलावी,अरूण निखिल देशकर, प्रो.भरत तिवारी, प्रो.आरके यादव, आर महोबिया आदि मौजूद रहे।

हाथ डालने से बच रहे अधिकारी

कार्यपरिषद में मेडिकल अंक घोटाले से जुड़े दो प्राध्यापक और दो कर्मचारियों की बहाली को लेकर मुद्दा रखा गया। हाईप्रोफाइल मामला होने के कारण कोई भी इसमें फंसने से बच रहा है। अभी तक पूरी तरह से न ये आरोप साबित हो सके हैं न ही दोषमुक्त हुए है। विवि प्रशासन ने भी कोर्ट में मामला होने की वजह से इसकी विभागीय जांच नहीं करवाई। जबकि नियमानुसार विभागीय जांच करने की बात कार्यपरिषद सदस्यों ने उठाई।

आचार संहिता के चलते रुके कामों को अनुमति

आचार संहिता के चलते विश्वविद्यालय में निर्माण कार्यों की स्वीकृति अटकी थी। कार्यपरिषद में इस मामले में अनुमोदन किया गया। बैठक में चार कॉलेजों के प्राचार्यो की नियुक्ति का लिफाफा भी खुला। इसके अलावा यूनिवर्सिटी की रद्दी को भी ई-टेंडर के माध्यम से बेचने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा तकनीकी कर्मचारियों के वेतन पर भी चर्चा हुई।

निजी कॉलेजोंं को रिसर्च सेंटर बनाए जाने का विरोध

कार्यपरिषद बैठक शुरू होने के पहले रिसर्च स्कॉलरों ने निजी कॉलेजों को रिसर्च सेंटर बनाए जाने का विरोध किया। इसकी शिकायत छात्र अनुज प्रताप सिंह, दीपेश मिश्रा, ओशो गुरुांग आदि ने कार्यपरिषद सदस्यों से की। बैठक में इस मुद्दे को रखा गया। निर्णय लिया गया कि पहले कॉलेजों की जांच कराई जाएगी इसके बाद निर्णय लिया जाएगा।

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