
Chhattisgarh Naxals Encounter: बीते चार महीने में फोर्स ने अलग-अलग मुठभेड़ में 91 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। जो यह बताता है कि फोर्स अब बस्तर में गियर बदल चुकी है। पिछले चार दशक में ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए हैं। बीते अप्रैल के महीने में ही 50 नक्सली मारे गए हैं।
समूचे बस्तर में फोर्स के जवानों का मनोबल भी इस वक्त काफी ऊंचा है। कांकेर जिले के माड़ इलाके में बीते महीने 16 तारीख को हुई मुठभेड़ में जवानों ने 29 नक्सलियों को जब मार गिराया तो इसे फोर्स की सबसे बड़ी सफलता बताया गया। नारायणपुर जिले में मंगलवार को हुई मुठभेड़ में भी जवानों ने बेहद सुनियोजित तरीके से 10 नक्सलियों को मारा।
मंगलवार को नारायणपुर के अबुझमाड़ में हुई मुठभेड़ में फोर्स के जवान पहले नक्सलियों के ठिकाने तक रात में पहुंचे और पूरी रात तीनों तरफ से नक्सलियों को घेरा। इस दौरान नक्सललियों के टॉप लीडर आराम कर रहे थे। बाकी नक्सली भी सो ही रहे थे। सुबह होते ही फोर्स ने नक्सलियों पर हमला कर दिया। जिस जगह पर मुठभेड़ हुई उससे लगकर नदी थी जिसे फोर्स घेर नहीं पाई थी, अगर ऐसा होता तो 60 से 70 नक्सली मारे जाते क्योंकि उनके पास भागने की जगह नहीं थी।
अबुझमाड़ में हुई मुठभेड़ में शामिल एसटीएफ और डीआरजी के जवानों में ज्यादातर ने हाल ही में ग्रेहांउड कमांडो की ट्रेनिंग पूरी की थी। यही कारण था कि परफेक्ट इनपुट के बाद जवानों ने एक परफेक्ट ऑपरेशन ग्रेहाउंड की तर्ज पर लॉन्च किया।
अबुझमाड़ में मंगलवार सुबह जहां मुठभेड़ हुई वह इलाका नक्सलियों की राजधानी के रूप में जाना जाता है। इस इलाके को नक्सलियों के टॉप लीडर के लिए बेहद सुरक्षित माना जाता है। यहां आमतौर पर नक्सलियों का बड़ी संख्या में जमावड़ा होता है लेकिन इस बार फोर्स ने यहां बड़ा जोखिम लिया और 500 से ज्यादा जवानों के साथ नारायणपुर से ऑपरेशन लॉन्च किया। सटीक इनपुट होने की वजह से फोर्स को यहां सफलता मिली।
Published on:
02 May 2024 09:00 am
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