क्या कहतें हैं एक्सपर्ट
पढ़ाई से किसी की योग्यता निर्धारित नहीं होती, भारत में कुछ एेसी हस्तियां हैं, जो या तो कभी स्कूल नहीं गईं या फिर या फिर विभिन्न परीक्षाओं में या कक्षाओं में फेल हो गए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। सचिन तेंदूलकर दसवीं पास नहीं हुए, बारवीं पास नहीं, जुकरबर्ग भी कम पढ़ाई की, लेकिन उन्होंने बड़ा काम किया। इसलिए जिन बच्चों को रिजल्ट अच्छाा नहीं आया है, वे निराश न हों। क्योंकि जिंदगी एक बार मिलती है और मौके बार-बार। परीक्षाओं में हम भले ही फेल हो जाएं, लेकिन जिंदगी की परीक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना है। परिजनों को आवश्यकता है कि वे बच्चों को इस समय में सपोर्ट करें। अच्छे नंबर नहीं आए, फिर भी बच्चे के साथ खुशियां मनाएं, और यदि बच्चे को स्लीमेट्री आई है या वह फेल हो गया है, तो भी उसका साथ दें और दोबारा प्रयास करने के लिए मोटीवेट करें। बच्चों का मन बहुत ही कोमल होता है, इसलिए उसका ध्यान रखना माता पिता, शिक्षक, दोस्त परिवार सभी की जिम्मेदारी है।
सिद्धार्थ गौतम, मोटीवेटर