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जबलपुर

खेतों में पककर तैयार फसल, काटने कोई तैयार नहीं

लॉकडाउन से बढ़ी किसानों की चिंता : हरियाणा और पंजाब से आने वाली हार्वेस्टर की संख्या में भारी कमी

जबलपुरMar 26, 2020 / 09:19 pm

sudarshan ahirwa

Ready crop in fields, no one for harvesting

Ready crop in fields, no one for harvesting

जबलपुर. सिहोरा. खेतों में पक कर तैयार गेहूं, चना और मसूर की फसल की कटाई और गहाई का संकट गहराने लगा है। 14 अप्रैल तक घोषित जनता कफ्र्यू और वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के डर के कारण मजदूर भी खेतों में जाने से कतरा रहे हैं। गेहूं की कटाई के लिए सिहोरा-मझौली आने वाले हार्वेस्टर पंजाब और हरियाणा से अब तक नहीं आ पाए हैं। हड़प्पा और बिजली से चना-मसूर की गहाई के लिए किसानों के साथ पांच से आठ मजदूरों की जरूरत होती है। सिहोरा और मझोली तहसील में 42 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी के साथ ही करीब 50त्न फसल पक कर तैयार हो गई है। कोरोना के तेजी से फैलाव को देखते हुए मजदूर संगठित होकर मजदूरी करने से कतरा रहे हैं। नवरात्र के बाद तक यही स्थिति बनी रही तो तेज धूप के कारण फसलें अधिक मात्रा में सूख जाएंगी, जिसके चलते अनाज के दाने टूटकर खेत में ही गिरने की संभावना किसानों को सता रही है।

मवेशी भी आएंगे चपेट में
फसल की समय पर कटाई, गहाई न होने से आने वाले समय में मवेशियों को पर्याप्त मात्रा में भूसा उपलब्ध नहीं हो सकेगा। आधा से एक एकड़ का छोटा किसान किसी न किसी तरह फसल को अपने स्तर पर काटते हुए अनाज को सुरक्षित कर लेगा, लेकिन भूसा उसे भी नहीं मिल पाएगा। बड़ा किसान अधिक संख्या में मजदूर या मशीनरी के भरोसे ही अनाज सहित मवेशी के लिए भूसा सुरक्षित और संरक्षित कर सकता है।

कोरोना के कारण कई जिलों में लॉकडाउन और कफ्र्यू की घोषणा के बाद कार्बाइन हार्वेस्टर व कृषि से जुड़ी मशीनों के संचालन के सम्बंध में लॉकडाउन व कफ्र्यू को शिथिल करने के लिए आला अधिकारी मंथन कर रहे हैं। मशीनों का खेत व खलिहान में आना-जाना प्रभावित न हो इसकी मांग किसान संगठनों ने प्रदेश सरकार से की है।

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