ठंड में टूटा बिजली की मांग का रिकॉर्ड, आखिर क्यों…पढ़ें यह खबर
प्रदेश में बिजली की मांग 14326 मेगावॉट तक पहुंची31 दिसंबर को प्रदेश के ऊर्जा सेक्टर में बना रिकॉर्ड
4.50 lakh electricity consumers will bear the brunt of the government’s mistake in bhilwara
जबलपुर. वर्ष 2019 के अंतिम दिन 31 दिसंबर ने मध्यप्रदेश के ऊर्जा सेक्टर में रिकॉर्ड बना दिया है। इस दिन प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 14 हजार 326 मेगावॉट दर्ज की गई। एकाएक बढ़ी मांग के लिए विद्युुत वितरण कम्पनियों बेहतर सप्लाई की। एमपी पावर मैनेजमेंट कम्पनी से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली की अधिकतम मांग बढऩे का मुख्य कारण प्रदेश में कृषकों को 10 घंटे बिजली सप्लाई है। वहीं नागरिकों को रोशनी के लिए 24 घंटे, सातों दिन बिजली की सप्लाई हो रही है। पिछले रबी सीजन में बिजली की अधिकतम मांग पांच जनवरी 2019 को 14089 मेगावॉट दर्ज हुई थी। जबकि इस रबी सीजन में पांच दिन पूर्व ही उक्त मांग का रिकॉर्ड टूट गया।
किस कम्पनी में कितनी मांग
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी (इंदौर व उज्जैन सम्भाग)- 5624 मेगावॉट
मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी (भोपाल व ग्वालियर सम्भाग )- 5020 मेगावॉट
मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी (जबलपुर, सागर व रीवा सम्भाग)-3682 मेगावॉट
दिसंबर में लगातार बढ़ता गया ग्राफ
वर्ष 2019 में नवंबर तक बिजली की मांग सामान्य थी। कारण था, प्रदेश में अच्छी बारिश होना। दिसंबर से मांग का ग्राफ बढऩे लगा। पहले तो प्रदेश में बिजली की मांग नौ हजार पहुंची, इसके बाद सप्ताह दर सप्ताह आंकड़ा बढ़ा और वर्ष के आखिरी दिन बिजली की मांग ने रिकॉर्ड तोड़ दिया।
कहां से कितनी सप्लाई
मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी के ताप व जल विद्युत गृहों का उत्पादन अंश 4620 मेगावॉट
इंदिरा सागर, सरदार सरोवर, ओंकारेश्वर जल विद्युत परियोजना का अंश-1982 मेगावॉट
सेंट्रल सेक्टर का अंश – 2379 मेगावॉट
सासन अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट का अंश – 1351 मेगावॉट
आईपीपी का अंश – 1597 मेगावॉट
बिजली बैंकिंग – 2282 मेगावॉट
अन्य स्त्रोत – 115 मेगावॉट
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