29 मई 2018 को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लिपिक प्रवीण शिवहरे को 7000 रिश्वत लेते दबोचा था।
07 अप्रैल 2018 को सिवनी में सहायक आयुक्त पिछड़ा वर्ग विभाग में पदस्थ विशाल श्रीवास व दैवेभो बृजेश भार्गव को 1.40 लाख रुपए रिश्वत लेते दबोचा।
22 मार्च 2018 को नापतौल विभाग के निरीक्षक राजेंद्र चौधरी को 10 हजार रुपए लाइसेंस नवीनीकरण लेते दबोचा
11 फरवरी 2018 को जबलपुर एसडीएम के रीडर दिलीप चौकसे को 3 हजार रुपए डायवर्सन के एवज में दबोचा
27 फरवरी 2018 को सेंट्रल मप्र ग्रामीण बैंक छिंदवाड़ा के बैंक मैनेजर प्रफुल्ल परांजपे को 30 हजार रिश्वत लेते दबोचा
20 फरवरी को पाटन थाने में पदस्थ एसआई आलोक बंसोर को पांच हजार रुपए रेत खदान में हाइवा एंट्री के एवज में लेते दबोचा
14 मार्च 2018 को बालाघाट में एसआई मधुकर बड़ेश्वर को 23 हजार रिश्वत लेते दबोचा।
20 मार्च 2018 को सिवनी मत्स्य विभाग में निरीक्षक एके बक्शी को तालाब का पट्टा देने के एवज में 20 हजार रिश्वत लेते दबोचा
05 फरवरी 2018 को नरसिंहपुर में सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी वीरेंद्र प्रसाद शर्मा को 15 हजार रुपए शिकायत के निपटारे के एवज में लेते दबोचा
फरियादी को ही रिश्वत की रकम देनी पड़ती है।
उक्त रकम बतौर सबूत सील लगा कर ट्रेजरी में जमा करा दी जाती है।
प्रकरण के निपटारे तक ये रकम ट्रेजरी में ही रहती है।
औसतन दो हजार से लेकर लाखों रुपए तक के प्रकरण लोकयुक्त हर साल ट्रैप करती है।