जगह-जगह भरा बरसाती पानी
बारिश के मौसम के बाद जगह-जगह पर पानी जमा होने के कारण मच्छरों के लार्वा तेजी से पनपते है। इस बार रुक-रुक कर तेज बारिश हो रही है। बादल बने रहने के कारण बारिश का पानी कई जगह जमा हुआ है। कई जगह निर्माण कार्यों के कारण भी नालिया बंद होने और गड्ढों में पानी का जमाव हो रहा है। पिछले वर्ष भी नालियों का बहाव अवरुद्ध होने और बरसाती एवं गंदे पानी के जमाव के कारण मच्छरों का लार्वा तेजी से पनपा था। इस बार बारिश के मिजाज और स्वास्थ्य एवं नगर निगम की कार्रवाई के तरीके से वैसे ही हालत निर्मित हो रहे है।
ये है स्थिति
– 03 से ज्यादा मरीज मेडिकल की मेडिसिन ओपीडी में हर दिन आ रहे। सामान्य मौसम में कम रहती है।
– 02 मलेरिया संदिग्ध मरीज बारिश के इस मौसम में विक्टोरिया अस्पताल में जांच के दौरान मिले है।
– 03 मलेरिया के पीडि़त मरीज बीते एक सप्ताह में जांच के दौरान शहर के निजी अस्पताल में मिले है।
साफ पानी में पनपता है लार्वा, दिन में काटता है मच्छर
– मलेरिया, संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर साधारणतया रात में काटता है।
– डेंगू बुखार एडीज इजिप्टी मच्छरों के काटे जाने से फैलता है। डेंगू व चिकनगुनिया के मच्छर साफ एवं खुले में जमा पानी में पनपते है। यह दिन के समय काटता है।
– मलेरिया के लक्षण मच्छर काटने के 10वें दिन से शुरू होकर 4 सप्ताह तक बने रहते हैं। यह 5 साल से कम आयु के बच्चों में ज्यादा गंभीर होते हैं।
– मलेरिया होने पर उसमें बुखार, कंपकंपी, खांसी-जुकाम, भूख ना लगने, उल्टियां आने, पेट में दर्द होने, हाइपोथर्मिया और सांस तेज चलने के लक्षण नजर आ सकते हैं।
– मलेरिया में बुखार एक दिन छोडकऱ आता है। अगर एक दिन बुखार आता है तो अगले दिन शायद न भी आए। पर उससे अगले दिन फिर बुखार आता है।
– चिकुनगुनिया होने पर बुखार के साथ जोड़ों में लंबे समय तक दर्द बना रहता है। डेंगू होने पर शरीर में दर्द और प्लेटलेट्स में तेजी से गिरावट होती है।
– स्वाइन फ्लू की शुरुआत सामान्य वायरल बुखार की तरह होती है। इसमें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
इसका ध्यान रखें
-पानी उबालकर पीएं। जूस, कैफीन रहित चाय पीएं।
-बाहर का खाना और जंक फूड न लें।
-खाना खाने से पहले अपने हाथ अच्?छी तरह से धोएं।
-बरसाती पानी में भींगने से बचें।
-गैर ढक्कन वाली टंकियां, टूटे फूटे सामान, कबाड़ और टायर में पानी न भरें सुनिश्चित करें।
-घर के आसपास गड्ढे और कूलर में पानी का जमाव न हो।
-घर के आस-पास नालियों में एंटी लार्वा का छिडक़ाव करवाएं।
-शरीर को पूरा ढंकने वाले कपड़े पहनकर ही घर से बाहर निकलें।
-सोने से पहले मच्छररोधी क्रीम का प्रयोग करें।
इस मौसम में मच्छरों की संख्या बढ़ती है। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए लोगों को जागरुक करने के कार्यक्रम के साथ ही लार्वा विनिष्टीकरण की कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। ब्लॉक स्तर पर बीएमओ को छिडक़ांव एवं उचित कार्रवाई करने कहा गया है। शहर में गत वर्ष जिन क्षेत्रों में संक्रमण फैला था वहां स्वास्थ्य विभाग की टीम को सक्रिय किया है।
डॉ. मनीष मिश्रा, सीएमएचओ