scriptमकान पर बिजली गिर जाये तो….. | Risk of Sky lightning increased due to climate change in jabalpur | Patrika News
जबलपुर

मकान पर बिजली गिर जाये तो…..

जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ा बिजली गिरने का खतरा ये है स्थिति- 17 मंजिल तक ऊंचे भवन शहर में निर्माणाधीन- 75 प्रोजेक्ट जारी चार मंजिल से ऊपर के- 190 प्रोजेक्ट रेरा में रजिस्टर्ड हैं रियल एस्टेट के- 2500 से ज्यादा नक्शे नगर निगम से पास होते हैं भवन के- जबलपुर संभाग में बिजली गिरने से मौत – 20 मौत 2019 में -16 मौत 2020 में

जबलपुरJul 30, 2020 / 07:32 pm

गोविंदराम ठाकरे

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Sky lightning in jabalpur

जबलपुर. शहर में सत्रह मंजिला ऊंची इमारतों का निर्माण हो रहा है, लेकिन किसी भी भवन में तडि़त चालक नहीं लगाया जा रहा है। जबकि जलवायु परिवर्तन के कारण जिन क्षेत्रों में बिजली गिरने का खतरा बढ़ा है, उनमें जबलपुर भी शामिल है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने प्रदेशभर में जी-2 या इससे ऊंचे सभी भवनों में अनिवार्य रूप से तडि़त चालक लगाने और पुरानी जर्जर इमारतों को खाली कराने की सिफारिश प्रदेश सरकार से की है। शहर में कलेक्ट्रेट, पुलिस कंट्रोल रूम जैसे गिनती के सरकारी भवनों में तडि़त चालक लगाए गए हैं। नए भवनों के निर्माण में भी तडि़त चालक लगाने का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।विशेषज्ञों की मानें तो जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर जबलपुर, रीवा और शहडोल सम्भाग पर पड़ा है। यहां मौसम की अनिश्चितता बढ़ी है। मौसम केंद्र भोपाल के राडार प्रमुख वेदप्रकाश सिंह के अनुसार जलवायु परिवर्तन के कारण तूफानी बारिश में पेड़ व कमजोर-जर्जर भवनों के गिरने और है बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ी हैं। कम समय में ज्यादा बारिश हो रही है। पिछले 30 साल के डाटा विश्लेषण के अनुसार जिन जिलों में जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर पड़ा है, जबलपुर उनमें शामिल है।ये है फायदाजमीन पर गिरने वाली आकाशीय बिजली कं डक्टर की तलाश में लघु पाथ से होकर गुजरती है, इसलिए ऊं ची इमारतें, खम्भे व टावर पर बिजली गिरने का खतरा अधिक होता है। विशेषज्ञों के अनुसार आकाशीय बिजली में 10 करोड़ वोल्ट के साथ 10 हजार एम्पीयर का करंट होता है। यदि भवन में तडि़त चालक लगा हो तो बिजली उससे होते हुए जमीन में चली जाती है। इससे इमारत को नुकसान नहीं होता।
-…वर्जन…
आकाशीय बिजली के खतरे को देखते सभी भवनों में तडि़त चालक लगाया जाना चाहिए। सरकारी भवनों से इसकी शुरुआत हो इसके लिए नगर निगम व संभाग के सभी जिलों में विभाग प्रमुख के सर्कु लर जारी करेंगे। महेशचंद्र चौधरी, संभागायुक्त व प्रशासक भवन निर्माण के साथ तडि़त चालक लगाने की अनिवार्यता नहीं है। लेकिन, आकाशीय बिजली से जान-माल की सुरक्षा के लिए औसत से अधिक ऊं चाई के भवनों में तडि़त चालक अवश्य लगाना चाहिए। नीरज लिखार,
संयुक्त संचालक, टीएनएंडसीपी
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आकाशीय बिजली से बचाव के लिए बहुमंजिला भवनों में अर्थिंग कंडक्टर लगाया जाता है। यदि इसके साथ कॉपर स्टिक, कं डक्टर के साथ पूरा स्ट्रक्चर तैयार किया जाए तो ज्यादा खर्च नहीं आता।
इंजी. संजय वर्मा,
स्ट्रक्चर इंजीनियर, टाउन प्लानर
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बहुमंजिला भवनों में तडि़त चालक लगाना भले ही नियमों में अनिवार्य नहीं है, लेकिन आकाशीय बिजली से बचने के लिए यह आवश्यक है। भवनों में तडि़त चालक लगाना सभी की जिम्मेदारी है।
धीरेश खरे,
अध्यक्ष, क्रे डाई जबलपुर

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