पुलिस ने बताया, नर्मदा नगर निवासी जितेंद्र तिवारी अधिवक्ता हैं। केंट थाने में चल रहे एक केस की पैरवी के लिए संजय गांधी नगर मोदीबाड़ा केंट निवासी राहुल गवली ने अप्रैल 2017 में उन्हें अधिवक्ता नियुक्त किया। सितम्बर 2017 में अधिवक्ता जितेंद्र ने 18 लाख रुपए की कार खरीदने की चर्चा की। राहुल ने कैंटीन से 15 लाख रुपए में कार दिलाने के लिए कहा। अधिवक्ता जितेंद्र की मुलाकात गुप्ता सरनेम वाले एक अधिकारी से कराई। जितेंद्र ने 19 सितम्बर को राहुल को छह लाख रुपए दिए। राहुल ने कहा, वह कटनी में कार बुक कराएगा। छह माह कार गुप्ता के नाम पर रहेगी, इसके बाद उनके नाम पर ट्रांसफर कर दी जाएगी।
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तीन के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज
सस्ते में कार दिलाने के नाम पर अधिवक्ता को 15 लाख की चपत
बीमा किसी और के नाम कराया
कागजी कार्रवाई के बाद 22 सितम्बर को कटनी स्थित एजेंसी में योगेश दुबे के नाम से कार फाइनेंस कराई गई। योगेश कार लेकर जबलपुर आ गया। राहुल ने कुछ दिन बाद अधिवक्ता जितेंद्र से रजिस्ट्रेशन और बीमा के लिए तीन लाख एक हजार 465 रुपए लिए। इस प्रकार उसने कुल 15 लाख एक हजार 465 रुपए ले लिए। 21 अप्रैल 2018 को राहुल बीमा की फोटोकॉपी लेकर घर पहुंचा। जितेंद्र ने बीमा कम्पनी में फोन कर जानकारी मांगी तो पता चला, बीमा शिवकुमार तिवारी के नाम पर है। कार एजेंसी के कर्मचारी 23 अप्रैल को अधिवक्ता के घर पहुंचे। बताया कि केवल 4.63 लाख रुपए ही जमा हैं। जितेंद्र की शिकायत पर पुलिस ने राहुल उर्फ संदीप गवली, गाड़ाघाट पाटन निवासी योगश दुबे और काली चौक सदर केंट निवासी रामबाबू गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। पुलिस जांच कर रही है।